
Public Provident Fund यानी PPF एक ऐसी Long Term निवेश योजना है, जिसे केंद्र सरकार की ओर से सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर पेश किया गया है। निवेशकों को यह स्कीम न केवल टैक्स छूट देती है, बल्कि एक सुनिश्चित ब्याज दर के साथ सेविंग्स का एक मजबूत जरिया भी बनती है। ताजा अपडेट के अनुसार सरकार ने अप्रैल-जून 2025 तिमाही के लिए PPF पर मिलने वाली ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। यह ब्याज दर पहले की तरह 7.1 प्रतिशत सालाना बनी रहेगी।
PPF ब्याज दर हर तिमाही में होती है रिव्यू, लेकिन इस बार नहीं हुई बढ़ोतरी
सरकार की ओर से हर तिमाही में Small Saving Schemes की ब्याज दरों की समीक्षा की जाती है। इन्हीं स्कीम्स में से एक प्रमुख स्कीम Public Provident Fund भी है। वित्त मंत्रालय ने हाल ही में Q1 यानी पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) के लिए ब्याज दरों की घोषणा की, जिसमें साफ किया गया कि PPF पर फिलहाल कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में भी ब्याज दर 7.1% ही थी।
PPF एक लॉन्ग टर्म निवेश विकल्प, सुरक्षित और टैक्स फ्री कमाई का साधन
Public Provident Fund स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। इस योजना के तहत किया गया निवेश पूरी तरह Tax Free होता है और इसमें निवेशकों को 80C के तहत टैक्स छूट भी मिलती है। साथ ही मैच्योरिटी अमाउंट और ब्याज पर भी कोई टैक्स नहीं लगता है, जिससे यह स्कीम निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद बनती है।
सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम का हिस्सा है PPF
PPF केंद्र सरकार की Smalls Saving Schemes का अहम हिस्सा है, जिनका मकसद आम लोगों को सेविंग्स के लिए प्रोत्साहित करना है। ये स्कीमें खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होती हैं, जो सुरक्षित और स्थिर रिटर्न चाहते हैं। खास बात यह है कि शेयर बाजार की अस्थिरता या बैंकों की ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का असर PPF पर नहीं पड़ता है। निवेशकों को तय ब्याज दर पर रिटर्न मिलता है।
PPF में निवेश की न्यूनतम और अधिकतम सीमा
Public Provident Fund में निवेश की न्यूनतम सीमा सालाना ₹500 है, जबकि अधिकतम निवेश ₹1.5 लाख प्रति वित्त वर्ष किया जा सकता है। इस निवेश को सालाना जमा करना अनिवार्य होता है, ताकि खाता सक्रिय बना रहे। यदि कोई निवेशक किसी साल की किस्त जमा नहीं करता है, तो उसे ₹50 की पेनाल्टी के साथ खाते को फिर से एक्टिवेट करना होता है।
टैक्स बचत के लिए बेस्ट है PPF स्कीम
Income Tax Act 1961 की धारा 80C के तहत PPF में निवेश करने पर टैक्स में छूट मिलती है। यह स्कीम उन निवेशकों के लिए आदर्श है जो सुरक्षित और टैक्स फ्री रिटर्न की तलाश में रहते हैं। खासतौर से Salaried Class और रिटायर्ड लोगों के बीच यह स्कीम काफी पॉपुलर है। लंबी अवधि में यह स्कीम कंपाउंडिंग के जरिए बड़ी बचत का जरिया बन जाती है।
ब्याज दर में बदलाव की उम्मीद, लेकिन इस बार राहत नहीं
हर तिमाही में जब ब्याज दरों की समीक्षा होती है, तो निवेशकों को यह उम्मीद रहती है कि शायद इस बार PPF की ब्याज दर बढ़ाई जाए। खासकर तब, जब अन्य स्मॉल सेविंग स्कीम्स जैसे सुकन्या समृद्धि योजना या वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) की ब्याज दरों में वृद्धि देखने को मिलती है। लेकिन इस बार सरकार ने कोई बदलाव नहीं किया, जिससे निवेशकों को थोड़ी निराशा जरूर हो सकती है।
फिक्स्ड रिटर्न की तलाश में रहने वालों के लिए अब भी बेहतर विकल्प
हालांकि ब्याज दर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन फिर भी PPF एक ऐसा निवेश है जो Long Term Financial Planning के लिए आज भी भरोसेमंद विकल्प बना हुआ है। यदि आप मार्केट रिस्क से दूर रहते हुए टैक्स फ्री कमाई चाहते हैं, तो यह स्कीम आपके लिए मुफीद है।