
आजकल PAN Card 2.0 स्कैम ने लोगों की नींद उड़ा दी है। डिजिटल पेमेंट्स के इस युग में जहां हर जगह UPI का इस्तेमाल हो रहा है, वहीं साइबर अपराधी भी नए-नए तरीकों से लोगों को निशाना बना रहे हैं। इस नई ठगी के तरीके ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) को भी सतर्क कर दिया है, और उसने लोगों को इस स्कैम से अलर्ट रहने की सलाह दी है।
इस स्कैम का नाम PAN Card 2.0 रखा गया है और इसका मकसद सीधे-सीधे आम जनता की जेब पर वार करना है। NPCI ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर इस स्कैम को लेकर चेतावनी जारी की है।
क्या है PAN Card 2.0 स्कैम?
PAN Card 2.0 स्कैम एक धोखाधड़ी का नया तरीका है जिसमें स्कैमर्स लोगों को एक फर्जी मैसेज भेजते हैं। उस मैसेज में लिखा होता है कि उनका पैन कार्ड ब्लॉक कर दिया गया है और अब उसे PAN Card 2.0 में अपग्रेड करना जरूरी है। इसके लिए उनसे आधार नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल्स और कभी-कभी OTP जैसी संवेदनशील जानकारियां मांगी जाती हैं।
जैसे ही कोई व्यक्ति इस जाल में फंसकर अपनी जानकारी साझा करता है, उसका बैंक खाता साइबर अपराधियों के हवाले हो जाता है और कुछ ही पलों में वह खाली हो सकता है। NPCI ने इसे गंभीर स्कैम मानते हुए इस तरह के किसी भी मैसेज पर विश्वास न करने की सख्त सलाह दी है।
स्कैमर्स का तरीका कैसे काम करता है?
इस स्कैम के तहत अपराधी मोबाइल SMS, WhatsApp मैसेज या ईमेल के जरिए PAN Card 2.0 से जुड़ा फर्जी लिंक भेजते हैं। उस लिंक पर क्लिक करते ही एक फॉर्म ओपन होता है जिसमें आधार नंबर, बैंक डिटेल्स और अन्य पर्सनल जानकारी भरनी होती है।
जैसे ही यूजर वह फॉर्म भरकर सबमिट करता है, उसकी जानकारी सीधे स्कैमर्स तक पहुंच जाती है। इसके बाद बैंक से मोटी रकम उड़ाई जाती है और यूजर को इसका पता तब चलता है जब उसका बैलेंस शून्य हो जाता है।
NPCI ने क्यों किया अलर्ट?
NPCI यानी National Payments Corporation of India देशभर में डिजिटल ट्रांजेक्शन की निगरानी करने वाली संस्था है। उसने देखा कि हाल के दिनों में इस तरह की ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए NPCI ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह अलर्ट जारी किया कि PAN Card 2.0 के नाम पर किसी भी मैसेज या कॉल पर विश्वास न करें। NPCI का कहना है कि वह या कोई अन्य सरकारी संस्था कभी भी फोन या मैसेज पर किसी की व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगती।
कैसे बचें इस स्कैम से?
NPCI ने लोगों को जागरूक करने के लिए #MainMoorkhNahiHoon अभियान की शुरुआत की है। इसके तहत यूजर्स को बताया जा रहा है कि कैसे साइबर क्राइम से खुद को बचाएं।
सबसे जरूरी बात यह है कि कोई भी अनजान लिंक, चाहे वह SMS से आए या Email से, उस पर क्लिक न करें। किसी को भी फोन पर अपने पैन कार्ड, आधार कार्ड या बैंक अकाउंट की जानकारी न दें।
अगर किसी को ऐसा संदिग्ध मैसेज मिले तो उसे तुरंत साइबर क्राइम सेल या NPCI के हेल्पलाइन नंबर पर रिपोर्ट करें।
डिजिटल पेमेंट्स और साइबर सिक्योरिटी
आज के समय में डिजिटल लेन-देन हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। किराने की दुकान से लेकर टैक्सी बुकिंग तक, हर जगह UPI और कार्ड का इस्तेमाल आम बात हो गई है। लेकिन जितनी तेजी से डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से साइबर क्राइम भी बढ़ता जा रहा है।
PAN Card 2.0 स्कैम इसका एक ताजा उदाहरण है, जो हमें इस बात की चेतावनी देता है कि टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सोच-समझकर करना बेहद जरूरी है।
NPCI की मुहिम कितनी कारगर?
NPCI का #मैंमूर्खनहींहूं अभियान लोगों में अच्छी प्रतिक्रिया ला रहा है। इस पहल के तहत NPCI सोशल मीडिया पर लगातार उदाहरण और टिप्स दे रहा है कि कैसे स्कैमर्स की चाल को पहचाना जाए और उससे बचा जाए।
इस अभियान का मकसद यूजर्स को सशक्त बनाना है ताकि वे किसी भी धोखाधड़ी का शिकार न हों और सतर्क रहकर अपने वित्तीय डेटा की सुरक्षा कर सकें।
PAN Card 2.0 स्कैम से जुड़े हालिया मामले
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ हफ्तों में PAN Card 2.0 स्कैम से जुड़े कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ाए गए। साइबर सेल के पास दर्जनों शिकायतें आई हैं जिनमें यूजर्स ने बताया कि उन्होंने एक लिंक पर क्लिक किया और कुछ ही समय में उनका बैलेंस गायब हो गया।
इससे यह स्पष्ट होता है कि स्कैमर्स अब पहले से ज्यादा शातिर हो गए हैं और लोगों की डिजिटल समझ का फायदा उठा रहे हैं।