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अमेरिका ने सैकड़ों छात्रों का वीज़ा रद्द किया! सेल्फ-डिपोर्ट का अल्टीमेटम, कई भारतीय छात्र भी निशाने पर

अमेरिका में सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों के एफ-1 वीजा को रद्द कर आत्म-निर्वासन का आदेश दिया गया है। इस कार्रवाई का आधार छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों को बताया गया है। ‘Catch And Revoke’ नामक AI ऐप के जरिए इन गतिविधियों पर नज़र रखी गई। छात्रों में इस फैसले से गहरी निराशा और असमंजस है। यह घटना अमेरिका की इमिग्रेशन नीतियों और डिजिटल स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ती है।

By Saloni uniyal
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अमेरिका ने सैकड़ों छात्रों का वीज़ा रद्द किया! सेल्फ-डिपोर्ट का अल्टीमेटम, कई भारतीय छात्र भी निशाने पर
सैकड़ों छात्रों का वीज़ा रद्द

अमेरिका में पढ़ाई कर रहे सैकड़ों अंतरराष्ट्रीय छात्रों को हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग से एक चौंकाने वाला ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें उनके एफ-1 वीजा-F1 Visa को रद्द करने और स्वयं निर्वासित होने (Self Deport) का आदेश दिया गया है। यह निर्णय खास तौर पर उन छात्रों को निशाना बनाते हुए लिया गया है, जिनकी सोशल मीडिया गतिविधियों को सरकार ने विरोधी या एंटी नेशनल करार दिया है।

यह मामला केवल उन लोगों तक सीमित नहीं है जो अमेरिका में प्रत्यक्ष रूप से विरोध प्रदर्शनों में शामिल हुए, बल्कि वे छात्र भी इसमें शामिल हैं जिन्होंने महज किसी पोस्ट को लाइक, शेयर या उस पर कमेंट किया था। इस कदम ने अमेरिका की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रीय सुरक्षा की बहस को फिर से हवा दे दी है, खासकर आप्रवासन कानून के संदर्भ में।

एफ-1 वीजा-F1 Visa: पढ़ाई के लिए अमेरिका आने का माध्यम

एफ-1 वीजा अमेरिका का एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है, जो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों या संस्थानों में फुल-टाइम कोर्स में नामांकन के बाद पढ़ाई की अनुमति देता है। इस वीजा के लिए छात्रों को यह साबित करना होता है कि वे अपने शैक्षिक खर्चों और जीवन यापन के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन रखते हैं।

हालांकि यह वीजा शैक्षिक उद्देश्यों के लिए होता है, लेकिन हालिया घटनाएं दर्शाती हैं कि अब इसमें छात्रों की डिजिटल गतिविधियों पर भी नज़र रखी जा रही है, जिससे वीजा का स्थायित्व अस्थिर हो गया है।

अमेरिका का बदलता नजरिया और ‘Catch And Revoke’ ऐप

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस विषय में स्पष्ट रुख अपनाया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका यह तय करने का अधिकार रखता है कि कौन देश में प्रवेश करेगा और कौन नहीं। इसी नीति के तहत उन्होंने एक नया AI-आधारित एप्लिकेशन ‘Catch And Revoke’ लॉन्च किया है।

इस ऐप की मदद से छात्रों की सोशल मीडिया गतिविधियों की निगरानी की जाती है, और यदि किसी पर आतंकवादी संगठनों के समर्थन का शक होता है, तो उसका वीजा तुरंत रद्द कर दिया जाता है। यह एक टेक्नोलॉजी-आधारित निगरानी प्रणाली है जो अब अमेरिकी आप्रवासन नीति का अहम हिस्सा बन चुकी है।

वह चौंकाने वाला ईमेल

विदेश विभाग द्वारा भेजे गए ईमेल में बताया गया कि छात्रों का एफ-1 वीजा अमेरिकी इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट की धारा 221(i) के तहत रद्द किया गया है। ईमेल में यह भी चेतावनी दी गई कि अमेरिका में बिना वैध वीजा रहने पर छात्रों को जुर्माना, हिरासत या निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, छात्रों को यह निर्देश भी दिया गया कि वे रद्द किए गए वीजा का उपयोग न करें और अपने पासपोर्ट को तत्काल अमेरिकी दूतावास में जमा करें। इस आदेश के बाद से छात्रों और उनके परिवारों में गहरी चिंता और भ्रम की स्थिति बन गई है।

छात्रों में बढ़ती बेचैनी और विरोध

कई छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा और क्रोध प्रकट किया है। उनका कहना है कि उन्होंने कभी कोई अवैध गतिविधि नहीं की, न ही किसी विरोध में भाग लिया। कुछ ने सिर्फ राजनीतिक मीम्स या न्यूज पोस्ट साझा की थीं, जिन्हें अब उनके वीजा रद्द करने का आधार बनाया जा रहा है।

यह स्थिति उन छात्रों के लिए विशेष रूप से तकलीफदेह है, जिन्होंने बड़ी मेहनत से अमेरिकी संस्थानों में प्रवेश पाया था और अब वे खुद को कानूनी संकट में पा रहे हैं।

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