
दुनिया का सबसे महंगा कीड़ा – ये सुनकर आपको आश्चर्य जरूर होगा, लेकिन यह सौ प्रतिशत सच है कि एक ऐसा कीड़ा है जिसकी कीमत हीरे से भी ज्यादा हो सकती है। इस कीड़े का नाम है स्टैग बीटल (Stag Beetle), जिसकी कीमत करीब 75 लाख रुपये तक जा सकती है। इसकी इतनी ऊंची कीमत जानकर Audi और BMW जैसी लग्ज़री गाड़ियां भी सस्ती लगने लगती हैं। चलिए, जानते हैं कि आखिर यह कीड़ा इतना खास क्यों है और इसकी कीमत कहां तक जा सकती है।
स्टैग बीटल क्या है और क्यों है खास?
स्टैग बीटल एक विशेष प्रकार का भृंग (beetle) होता है। इसका नाम इसके अद्वितीय जबड़ों से पड़ा है, जो आकार में हिरण के सींगों (stag antlers) जैसे लगते हैं। यह कीड़ा देखने में भले ही डरावना लगे, लेकिन इसकी बनावट और संरचना इसे बहुत अलग और आकर्षक बनाती है। इसकी विशाल जबड़े और चमकदार शरीर इसे कीट प्रेमियों के लिए संग्रहणीय बनाते हैं।
स्टैग बीटल कहां पाया जाता है?
यह दुर्लभ कीड़ा सामान्यतः पुराने जंगलों में पाया जाता है, जहां सड़ी-गली लकड़ी प्रचुर मात्रा में होती है। स्टैग बीटल खासतौर पर यूरोप, एशिया, और कुछ अन्य क्षेत्रों में पाया जाता है, लेकिन हर जगह नहीं। यह सिर्फ उन्हीं जगहों पर जीवित रह सकता है जहां पर्यावरण की नमी, तापमान और लकड़ी की स्थिति उसके जीवन चक्र को सपोर्ट करे। इसी दुर्लभता के कारण इसकी कीमत तेजी से बढ़ती है।
स्टैग बीटल की उम्र कितनी होती है?
इस कीड़े की औसत उम्र 3 से 7 साल के बीच होती है। लेकिन मजे की बात ये है कि इसका ज्यादातर जीवनकाल लार्वा (larva) अवस्था में गुजरता है, जबकि वयस्क (adult) बनने के बाद यह केवल कुछ ही महीने जीवित रहता है। बावजूद इसके, इसकी कीमत में कोई कमी नहीं आती क्योंकि इसका जीवनचक्र और दुर्लभता इसे और भी विशेष बना देती है।
क्यों बिकता है स्टैग बीटल 75 लाख रुपये में?
अब सवाल उठता है कि एक साधारण दिखने वाला कीड़ा आखिर इतनी ऊंची कीमत पर क्यों बिकता है? दरअसल, जापान और कुछ एशियाई देशों में स्टैग बीटल को भाग्यशाली और शुभ (lucky insect) माना जाता है। वहां लोग इसे पालते हैं, घर में रखते हैं या फिर कलेक्शन के तौर पर खरीदते हैं। इसके अलावा, कीट संग्राहक (insect collectors) इसे किसी बेशकीमती वस्तु की तरह जमा करते हैं और दुर्लभ प्रजातियों के लिए लाखों खर्चने को तैयार रहते हैं।
पारंपरिक दवाओं में भी होता है उपयोग
कुछ देशों में स्टैग बीटल का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा (traditional medicine) में भी किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इसके शरीर से तैयार की गई औषधियां कई तरह की बीमारियों में उपयोगी होती हैं। हालांकि इसके वैज्ञानिक प्रमाण सीमित हैं, फिर भी पारंपरिक विश्वासों के कारण इसकी मांग बनी रहती है।
दुर्लभता ही इसकी असली ताकत है
स्टैग बीटल की सबसे बड़ी विशेषता उसकी दुर्लभता (rarity) है। यह हर जंगल में नहीं मिलता और जहां मिलता है, वहां भी इसके जीवित रहने के लिए कई शर्तें होती हैं। वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन के कारण इसके प्राकृतिक आवास नष्ट हो रहे हैं, जिससे इसकी संख्या घट रही है। जब किसी चीज की आपूर्ति कम और मांग अधिक हो तो उसकी कीमत स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है – यही सिद्धांत स्टैग बीटल पर भी लागू होता है।
कीड़ों का भी होता है इंटरनेशनल मार्केट
शायद आपको जानकर आश्चर्य हो कि दुनिया में कीड़ों का भी एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय बाजार (insect market) होता है। यहां दुर्लभ कीड़े लाखों रुपये में बिकते हैं और स्टैग बीटल इस बाजार का सुपरस्टार है। कुछ प्रजातियां इतनी दुर्लभ होती हैं कि उन्हें पाने के लिए लोग बोली लगाते हैं और कीमतें करोड़ों तक जा सकती हैं। कीट संग्राहकों (collectors) के लिए यह कीड़ा सिर्फ एक जीव नहीं, बल्कि एक प्रतिष्ठा की वस्तु बन चुका है।
स्टैग बीटल बनाम लग्ज़री कारें
जब कोई कहता है कि किसी कीड़े की कीमत Audi या BMW से ज्यादा हो सकती है, तो यकीन करना मुश्किल लगता है। लेकिन जब आप जानेंगे कि एक दुर्लभ स्टैग बीटल की कीमत 75 लाख रुपये तक जा सकती है, तब आपको समझ आएगा कि यह कोई मज़ाक नहीं है। यह कीड़ा उन लग्ज़री कारों को भी पीछे छोड़ देता है जिन्हें आमतौर पर समाज में रुतबे की निशानी माना जाता है।
क्या यह सच है या सिर्फ अफवाह?
यह जानना जरूरी है कि हर स्टैग बीटल की कीमत 75 लाख रुपये नहीं होती। यह कीमत केवल दुर्लभ और अनोखी प्रजातियों की होती है जिनकी मांग सबसे अधिक होती है और जो बेहद कम संख्या में उपलब्ध हैं। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स और बाजार विशेषज्ञों पर आधारित है। फिर भी, यह निर्विवाद रूप से सच है कि स्टैग बीटल दुनिया के सबसे महंगे कीड़ों में से एक है।