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अगर आपके हैं एक से ज्यादा बैंक अकाउंट, तो संभल जाइए! RBI के इस नए नियम से बदल सकता है बहुत कुछ

अगर आपके पास दो या ज्यादा बैंक खाते हैं तो सावधान हो जाइए! निष्क्रिय खाता, डबल सर्विस चार्ज और टैक्स फ्रॉड जैसी कई मुसीबतें आपका इंतजार कर रही हैं। जानिए क्यों RBI कहता है सिर्फ एक ही बैंक अकाउंट रखिए और कैसे बच सकते हैं हर महीने हजारों रुपये का नुकसान।

By Saloni uniyal
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अगर आपके हैं एक से ज्यादा बैंक अकाउंट, तो संभल जाइए! RBI के इस नए नियम से बदल सकता है बहुत कुछ
अगर आपके हैं एक से ज्यादा बैंक अकाउंट, तो संभल जाइए! RBI के इस नए नियम से बदल सकता है बहुत कुछ

Single Bank Account को लेकर RBI Rules समय-समय पर लोगों को सचेत करते हैं, लेकिन फिर भी कई लोग एक से अधिक बैंक अकाउंट रखने की भूल करते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक ही बैंक खाता (Single Bank Account) होना ज्यादा सुविधाजनक और फायदेमंद होता है। इससे जहां आप बैंकिंग सुविधाओं का लाभ सरलता से उठा सकते हैं, वहीं कई प्रकार के आर्थिक नुकसान से भी बच सकते हैं।

सिंगल अकाउंट क्यों है बेहतर?

RBI के मुताबिक, यदि आप वेतनभोगी व्यक्ति (Salaried Person) हैं, तो आपके लिए एक ही बचत खाता (Savings Account) रखना ज्यादा व्यावहारिक होता है। इससे न केवल न्यूनतम शेष राशि (Minimum Balance) बनाए रखना आसान हो जाता है, बल्कि डेबिट कार्ड एएमसी (Annual Maintenance Charges), एसएमएस चार्जेस (SMS Charges) जैसे बैंकिंग सेवा शुल्कों से भी बचा जा सकता है।

वेतनभोगी वर्ग के लिए, एक ही बैंक अकाउंट होने का एक और लाभ यह है कि आयकर रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करते समय सभी विवरण एक ही खाते से मिल जाते हैं, जिससे प्रक्रिया सरल हो जाती है।

निष्क्रिय खाते से बढ़ती है जालसाजी की आशंका

यदि किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक बैंक खाते होते हैं और वह नौकरी बदलता है, तो पुराने वेतन खाते निष्क्रिय हो जाते हैं। ऐसे निष्क्रिय खाते धोखाधड़ी (Fraud) की दृष्टि से सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं। कई बार लोग पुराने अकाउंट को बंद किए बिना ही नया अकाउंट खोल लेते हैं, जिससे पुराने खाते बैंकिंग नेटवर्क में सक्रिय तो रहते हैं, लेकिन उनका ट्रैक नहीं रहता। यही लापरवाही भविष्य में जालसाजी के रास्ते खोल सकती है।

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CIBIL स्कोर पर पड़ता है असर

एक से अधिक बैंक खातों का अर्थ है कई जगह न्यूनतम शेष राशि बनाए रखना। यदि आप किसी भी खाते में न्यूनतम राशि नहीं रख पाते हैं, तो बैंक उस पर जुर्माना लगाता है। यह जुर्माना आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में दर्ज हो सकता है और इससे आपका CIBIL स्कोर प्रभावित होता है। इससे भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड या किसी वित्तीय सुविधा की स्वीकृति में परेशानी आ सकती है।

बैंक सेवा शुल्क का बढ़ता भार

यदि आपके पास एक से अधिक बचत खाते हैं, तो हर बैंक अलग-अलग Service Charges जैसे डेबिट कार्ड एएमसी, एसएमएस सेवा शुल्क आदि वसूलता है। एक खाते में ये चार्ज एक बार देने पड़ते हैं, लेकिन तीन या चार खातों में ये तीन गुना बढ़ जाते हैं। यानी बिना किसी लाभ के, आप अतिरिक्त भुगतान करते हैं।

निवेश की राह में अड़चन

हर बैंक अकाउंट के लिए न्यूनतम राशि बनाए रखना अनिवार्य होता है। कई निजी बैंक ₹20,000 तक का न्यूनतम बैलेंस मांगते हैं। यदि आपके तीन बैंक खातों में यह नियम लागू होता है, तो आपके ₹40,000 तक केवल बैलेंस में फंसे रह सकते हैं। यह राशि कहीं निवेश नहीं की जा सकती और केवल पड़े-पड़े कम रिटर्न देती है।

यदि यही राशि आप किसी डेट फंड (Debt Fund) में निवेश करें तो आपको 8% तक का रिटर्न मिल सकता है, जबकि बचत खाते में यह रिटर्न केवल 4% से 5% तक ही सीमित होता है।

टैक्स फ्रॉड की संभावना

सेविंग अकाउंट पर सालाना ₹10,000 तक ब्याज करमुक्त होता है, लेकिन यह सभी खातों के कुल ब्याज पर लागू होता है। यदि आपके पास कई खाते हैं और इनसे मिला-जुला ब्याज ₹10,000 से अधिक हो जाए, तो आप पर TDS लागू होगा। कई बार व्यक्ति यह समझता है कि किसी एक खाते से इतनी आय नहीं हो रही, लेकिन सभी खातों का ब्याज जोड़ने पर यह सीमा पार हो जाती है। अगर आपने इसे आयकर रिटर्न में नहीं दिखाया, तो यह इनकम टैक्स फ्रॉड (Income Tax Fraud) की श्रेणी में आ सकता है, भले ही यह अनजाने में ही क्यों न हुआ हो।

समझदारी से बनाएं बैंकिंग स्ट्रेटेजी

RBI नियमों के अनुसार, एक ही बैंक खाते में अपनी सभी बैंकिंग गतिविधियों को केंद्रित करना एक बेहतर रणनीति है। यह न केवल वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देता है, बल्कि आपके निवेश और टैक्स मैनेजमेंट को भी आसान बनाता है। इससे आप अनावश्यक खर्च, जोखिम और टैक्स की जटिलताओं से बच सकते हैं।

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