ब्रेकिंग न्यूज

दूध भी पहुंचा आम आदमी की पहुंच से बाहर! 4 रुपये किलो हुआ महंगा – अब घर चलाना हुआ मुश्किल

कर्नाटक सरकार ने नंदिनी दूध की कीमतों में 4 रुपए लीटर की बढ़ोतरी कर दी है। ये तीसरा साल है जब दूध महंगा हुआ है। त्योहार के मौके पर इस फैसले ने जनता को बड़ा झटका दिया है। अब क्या अमूल और मदर डेयरी भी दाम बढ़ाएंगे? जानिए पूरी रिपोर्ट।

By Saloni uniyal
Published on
दूध भी पहुंचा आम आदमी की पहुंच से बाहर! 4 रुपये किलो हुआ महंगा – अब घर चलाना हुआ मुश्किल
दूध भी पहुंचा आम आदमी की पहुंच से बाहर! 4 रुपये किलो हुआ महंगा – अब घर चलाना हुआ मुश्किल

बस, मेट्रो के बाद अब दूध पीना भी होगा मुहाल, 4 रुपए लीटर बढ़ गए दाम

कर्नाटक सरकार ने बस और मेट्रो के किराए में वृद्धि के बाद अब राज्य की जनता को एक और झटका दिया है। इस बार महंगाई की मार दूध की कीमतों पर पड़ी है। नंदिनी दूध (Nandini Milk) की कीमतों में 4 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है, जो शुक्रवार से लागू होगी। यह वृद्धि ऐसे समय पर की गई है जब राज्य के लोग उगादी त्योहार की तैयारियों में लगे हुए हैं। इस फैसले के साथ ही दूध अब आम आदमी की पहुंच से और दूर होता जा रहा है।

लगातार तीसरे साल बढ़े दूध के दाम

यह लगातार तीसरा साल है जब कर्नाटक सरकार ने दूध के दामों में इजाफा किया है। साल 2023 में 3 रुपए, फिर जून 2024 में 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की गई थी और अब मार्च 2025 में 4 रुपए प्रति लीटर का बड़ा इजाफा किया गया है। इस तरह कुल मिलाकर बीते तीन सालों में 9 रुपए प्रति लीटर का बोझ जनता पर डाला गया है।

नंदिनी दूध के दामों में 8 से 9 प्रतिशत की वृद्धि

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस मूल्यवृद्धि को मंजूरी दी गई। राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि डेयरी किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने और उत्पादन लागत में आई बढ़ोतरी की भरपाई के लिए यह निर्णय आवश्यक था। लेकिन जनता के लिए यह फैसला किसी सदमे से कम नहीं है। नंदिनी के सभी प्रकार के दूध के पैकेट की कीमतों में 8 से 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

अब नंदिनी दूध के दाम कितने हो गए हैं?

अब बात करते हैं नंदिनी दूध (Nandini Milk Price) के संशोधित दामों की। सबसे सस्ता दूध, जो नीले पैकेट में आता है, पहले 44 रुपए प्रति लीटर था, अब वह 48 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वहीं नारंगी पैकेट वाला दूध, जो पहले 54 रुपए में मिलता था, अब उसकी कीमत 58 रुपए प्रति लीटर हो गई है। समृद्धि दूध, जिसकी मौजूदा कीमत 56 रुपए है, अब बढ़कर 60 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यह पहली बार है कि नंदिनी दूध 60 रुपए प्रति लीटर के स्तर को पार कर गया है।

ग्रीन स्पेशल दूध, जो पहले 54 रुपए प्रति लीटर में उपलब्ध था, अब 58 रुपए में मिलेगा। वहीं सामान्य ग्रीन दूध, जो पहले 52 रुपए का था, अब 56 रुपए प्रति लीटर हो गया है। इन नई दरों को शुक्रवार से राज्य भर में लागू कर दिया जाएगा।

त्योहार पर महंगाई का तगड़ा झटका

कर्नाटक में यह वृद्धि ऐसे समय पर की गई है जब राज्य के लोग पारंपरिक उगादी पर्व मना रहे हैं। इस त्योहार के दौरान मिठाइयों और विशेष व्यंजनों की तैयारियों में दूध की खपत काफी बढ़ जाती है। ऐसे में दूध के दामों में वृद्धि ने आम जनता की जेब पर सीधा असर डाला है। त्योहार की खुशियों में महंगाई ने खलल डाल दिया है।

क्या अब अमूल और मदर डेयरी भी बढ़ाएंगे दाम?

इस फैसले के बाद बड़ा सवाल यह है कि क्या अब अमूल (Amul) और मदर डेयरी (Mother Dairy) भी अपने दूध की कीमतें बढ़ाएंगे? फिलहाल, जनवरी 2025 में अमूल ने अपने कुछ 1-लीटर पैक जैसे गोल्ड, ताजा और टी स्पेशल की कीमत में 1 रुपए की कमी की थी, लेकिन यह छूट केवल 1-लीटर पैक तक सीमित थी। सामान्य दूध की कीमतों में तब कोई बदलाव नहीं किया गया था।

हालांकि पिछले साल जून 2024 में अमूल ने सभी प्रकार के दूध के दामों में 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि की थी। उसी समय नंदिनी ने भी यही इजाफा किया था। अब जबकि नंदिनी ने फिर से बढ़ोतरी की है, तो संभावना है कि अमूल और मदर डेयरी भी जल्द ही इस राह पर चल सकते हैं।

महंगाई और चुनावी दबाव का असर?

देश में इस साल 80 देशों में चुनाव हो रहे हैं और महंगाई (Inflation) एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। IMF ने भी हाल में चेतावनी दी थी कि कई देश इस वर्ष चुनावों के बीच महंगाई के दबाव को झेलने को मजबूर होंगे। भारत में भी महंगाई लगातार जनता की चिंता का कारण बनी हुई है, और इस बीच दूध जैसे आवश्यक वस्तु की कीमत में वृद्धि सरकार के लिए आलोचना का विषय बन सकती है।

सरकार का तर्क और जनता की नाराजगी

हालांकि सरकार का दावा है कि यह कदम डेयरी किसानों को समर्थन देने और उत्पादन लागत को संतुलित करने के लिए जरूरी था, लेकिन आम आदमी के लिए यह बात समझना कठिन है, क्योंकि उसकी प्राथमिक चिंता अपने मासिक बजट को संभालने की होती है।

दूध सिर्फ एक पेय नहीं, बल्कि बच्चों, बुजुर्गों, बीमारों और हर भारतीय रसोई का अनिवार्य हिस्सा है। इसकी कीमत में इजाफा मतलब सीधे तौर पर हजारों परिवारों की रोजमर्रा की ज़रूरतों पर असर

Leave a Comment