
कैंचीधाम (Kainchi Dham – Shri Neeb Karori Baba Ashram) में हर महीने हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। बाबा नीम करौली मंदिर (Neem Karoli Baba Temple) देश-विदेश से आस्था रखने वालों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन गया है। रोजाना यहां लगभग 10 हजार श्रद्धालु आते हैं और छुट्टियों या त्योहारों पर यह संख्या 20 हजार से भी ज्यादा हो जाती है। इसी बढ़ती भीड़ के चलते अब प्रशासन ने यहां जाने के लिए एक नया ट्रैफिक प्लान लागू किया है, जो हर श्रद्धालु को जानना जरूरी है।
कैंचीधाम में निजी वाहनों की एंट्री पर रोक, शुरू हुई शटल सेवा
कैंचीधाम की ओर जाने वाले मार्ग पर अब श्रद्धालु अपने निजी वाहनों से सीधा मंदिर तक नहीं जा सकेंगे। नैनीताल पुलिस और प्रशासन ने ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए यह सख्त कदम उठाया है। शटल सेवा (Shuttle Service) की शुरुआत की गई है जो श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थल से कैंचीधाम तक ले जाएगी और वापस छोड़ेगी।
भीमताल (Bhimtal) और भवाली (Bhowali) से श्रद्धालुओं के लिए यह शटल सेवा संचालित की जा रही है। ज्योलिकोट-भवाली मार्ग से आने वाले पर्यटकों को भवाली सेनेटोरियम के पास स्थित कैची बाईपास पर अपने वाहन पार्क करने होंगे। वहीं, भीमताल से आने वाले श्रद्धालुओं को इंडस्ट्रियल एरिया भीमताल में पार्किंग करनी होगी।
सप्ताह के अलग-अलग दिन के लिए अलग नियम
नई व्यवस्था के तहत सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक कैंचीधाम में निजी वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगी। वहीं वीकेंड यानी शनिवार और रविवार को यह पाबंदी और सख्त कर दी गई है। इन दिनों सुबह से रात तक निजी वाहन मंदिर क्षेत्र में नहीं जा सकेंगे।
त्योहारी सीजन में भी यही व्यवस्था लागू रहेगी, जिसमें सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक शटल सेवा के माध्यम से ही दर्शन की अनुमति होगी। भारी वाहनों की आवाजाही वीकेंड और त्योहारों पर सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक पूरी तरह से बंद रहेगी।
क्यों लिया गया यह फैसला?
कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि पिछले कुछ समय से कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। इससे ना सिर्फ कैंचीधाम क्षेत्र में बल्कि पहाड़ी जिलों जैसे अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, और बागेश्वर जाने वालों को भी घंटों जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा था। कई बार 4-5 घंटे तक लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता था, जिससे स्थानीय यात्री और पर्यटक दोनों ही परेशान हो रहे थे।
इसी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने कैंचीधाम में ट्रैफिक मैनेजमेंट को सुधारने के लिए शटल सेवा की शुरुआत की है और निजी वाहनों की एंट्री पर सख्ती लागू की है।
भवाली बाइपास निर्माण की योजना, लेकिन अभी नहीं मिली मंजूरी
भीड़ और ट्रैफिक जाम की समस्या से स्थायी राहत पाने के लिए भवाली सैनिटोरियम से कैंचीधाम होते हुए रातिघाट तक बाइपास सड़क का प्रस्ताव भी तैयार किया गया है। यह बाइपास मुख्य मार्ग पर पड़ने वाले दबाव को कम करेगा और कैंचीधाम जाने वाले श्रद्धालुओं के साथ ही पहाड़ जाने वाले यात्रियों को भी राहत मिलेगी।
हालांकि, इस 8 किलोमीटर लंबे प्रस्तावित बाइपास को केंद्र सरकार से अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। अगर यह मंजूरी मिल जाती है तो आने वाले वर्षों में कैंचीधाम की यात्रा और सुगम हो सकेगी।
श्रद्धालुओं के लिए सलाह: यात्रा की योजना बनाते समय रखें इन बातों का ध्यान
अगर आप बाबा नीम करौली मंदिर जाने की सोच रहे हैं तो अब आपको अपनी यात्रा की योजना नए नियमों के अनुसार बनानी होगी। निजी वाहन से सीधे मंदिर नहीं जा सकेंगे, इसलिए भवाली या भीमताल में पार्किंग की व्यवस्था देखकर ही आगे बढ़ें। शटल सेवा का लाभ उठाएं और निर्धारित समय का पालन करें।
पर्यटकों और श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे भीड़-भाड़ वाले वीकेंड या त्योहारों की जगह सप्ताह के सामान्य दिनों में यात्रा करें, जिससे उन्हें कम असुविधा हो और यात्रा ज्यादा सुखद हो।