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सरकार दे रही है जमीन खरीदने के लिए पैसा! जानिए कौन उठा सकता है स्कीम का फायदा

बिहार के भूमिहीन परिवारों को अब घर बनाने के लिए ज़मीन खरीदना हुआ आसान जानें कैसे मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना के तहत मिल रही है एकमुश्त ₹1 लाख की मदद, किन दस्तावेजों की ज़रूरत होगी, आवेदन प्रक्रिया और नियम पूरी जानकारी सिर्फ यहीं।

By Saloni uniyal
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सरकार दे रही है जमीन खरीदने के लिए पैसा! जानिए कौन उठा सकता है स्कीम का फायदा
सरकार दे रही है जमीन खरीदने के लिए पैसा! जानिए कौन उठा सकता है स्कीम का फायदा

बिहार मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना (Mukhyamantri Grihasthal Kray Sahayata Yojana) एक ऐसी सरकारी पहल है, जो राज्य के भूमिहीन ग्रामीण परिवारों को खुद का घर बनाने के सपने को साकार करने में मदद करती है। इस योजना के तहत बिहार सरकार पात्र परिवारों को जमीन खरीदने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। 20 नवंबर, 2024 को इस योजना की अधिसूचना जारी की गई थी और इसका लाभ राज्य के गरीब, वंचित और विस्थापित समुदायों को केंद्र में रखकर दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना क्या है?

यह योजना पहले मुख्यमंत्री वास स्थल कार्य सहायता योजना के नाम से जानी जाती थी, जिसे अब नया नाम और दायरा देकर दोबारा लागू किया गया है। बिहार सरकार का मुख्य उद्देश्य ऐसे परिवारों को सहायता देना है जो भूमिहीन हैं, लेकिन घर बनाने की इच्छा रखते हैं। यह योजना विशेष रूप से अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और जल-जीवन-हरियाली अभियान के कारण विस्थापित हुए परिवारों को प्राथमिकता देती है।

योजना के मुख्य उद्देश्य

मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना का लक्ष्य बिहार के ग्रामीण इलाकों में आर्थिक रूप से कमजोर और भूमिहीन परिवारों को आवास के लिए ज़मीन खरीदने में सहायता देना है। इस योजना के ज़रिए सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के उद्देश्यों को भी पूरा करना चाहती है। साथ ही जल स्रोतों और पर्यावरणीय परियोजनाओं के कारण विस्थापित परिवारों को पुनर्वास का अवसर भी इसी योजना के माध्यम से दिया जा रहा है।

एकमुश्त मिलेगी 1 लाख रुपये की सहायता राशि

इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को ₹1,00,000 की एकमुश्त राशि दी जाती है, जिसका उपयोग कम से कम 3 डिसमिल (लगभग 48 गज) ज़मीन खरीदने के लिए किया जा सकता है। यह राशि सीधे उस व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है जिससे लाभार्थी ज़मीन खरीदता है। ज़मीन की खरीद केवल उसी ग्राम पंचायत के क्षेत्र में की जा सकती है जहां लाभार्थी रहता है।

मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना की पात्रता

इस योजना का लाभ वही परिवार उठा सकते हैं जो पूरी तरह से भूमिहीन हैं और जिन्हें अब तक किसी भी अन्य सरकारी योजना के तहत ज़मीन नहीं मिली है। साथ ही लाभार्थी परिवार का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) की सूची में होना अनिवार्य है। योजना के तहत ज़मीन को परिवार की महिला सदस्य के नाम पर ही रजिस्टर्ड किया जाएगा। यदि परिवार में महिला सदस्य उपलब्ध नहीं है, तब पुरुष सदस्य के नाम से रजिस्ट्रेशन संभव है।

कैसे करें आवेदन?

फिलहाल मुख्यमंत्री गृहस्थल क्रय सहायता योजना के लिए ऑनलाइन पोर्टल की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन संभावना है कि आवेदन की प्रक्रिया biharbhumi.bihar.gov.in पोर्टल या राज्य के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की नागरिक सेवाओं के माध्यम से की जा सकेगी। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पहले यूजर आईडी और पासवर्ड बनाकर नागरिक लॉगिन करना होगा, फिर आवेदन फॉर्म भरकर सबमिट करना होगा।

ऑफलाइन आवेदन की प्रक्रिया

यदि सरकार इस योजना के लिए ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करती है, तो ग्रामीण विकास विभाग के कार्यालय से फॉर्म लेकर संबंधित दस्तावेजों के साथ जमा किया जा सकता है। आवेदन करने से पहले लाभार्थी को PMAY-G सूची में नाम की पुष्टि करनी होगी।

आवेदन के बाद की प्रक्रिया

एक बार आवेदन जमा हो जाने के बाद, संबंधित सर्कल अधिकारी लाभार्थी की भूमिहीनता की पुष्टि करेंगे और प्रमाण पत्र जारी करेंगे। लाभार्थी ज़मीन का चयन करेगा और विक्रेता के साथ समझौता करेगा। इसके बाद अधिकारी सहायता राशि को मंजूरी देकर उसे विक्रेता के खाते में ट्रांसफर करेंगे।

आवश्यक दस्तावेज

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट साइज फोटो, भूमिहीनता का हलफनामा और सरकारी ज़मीन न होने का प्रमाण पत्र शामिल हैं।

पैसा किसके खाते में जाएगा?

यह योजना विशेष रूप से पारदर्शिता के सिद्धांत पर आधारित है। लाभार्थी स्वयं ज़मीन पसंद करेगा और उसके मालिक के साथ सेल एग्रीमेंट (Sale Agreement) करेगा। इसके बाद सरकार उस विक्रेता के खाते में राशि ट्रांसफर करेगी, जिससे ज़मीन खरीदी जा रही है।

खरीदी गई जमीन की मालिकाना स्थिति

इस योजना के तहत खरीदी गई भूमि लाभार्थी परिवार की महिला सदस्य के नाम से दर्ज की जाएगी। यह भूमि वंशानुगत होगी, लेकिन इसे किसी भी स्थिति में बेचा या ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। यह प्रावधान लाभार्थी परिवार की दीर्घकालिक सुरक्षा और संपत्ति की स्थिरता सुनिश्चित करता है।

जमीन का उपयोग कैसे किया जा सकता है?

मुख्य उद्देश्य आवास निर्माण है, लेकिन घर बनने के बाद बची हुई ज़मीन का उपयोग लघु उद्योग, बागवानी, व्यापार, या अन्य वैध कार्यों के लिए भी किया जा सकता है।

तीन महीने में ज़मीन खरीदना अनिवार्य

लाभार्थियों को सहायता राशि प्राप्त करने के तीन महीने के भीतर ज़मीन खरीदनी और उसका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। ऐसा न होने की स्थिति में सरकार वह राशि वापस ले सकती है।

झूठी जानकारी देने पर सख्त कार्रवाई

अगर कोई व्यक्ति इस योजना के तहत झूठी जानकारी देकर पैसा हासिल करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और उससे पूरी राशि भी वसूली जाएगी। योजना की पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए यह कदम अनिवार्य माना गया है।

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