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स्मोकिंग पर बंपर कार्रवाई! कटे 1.4 करोड़ के चालान – जानिए कितनी होगी सजा और कितना देना पड़ेगा जुर्माना

क्या आपको पता है कि सिर्फ पब्लिक प्लेस में सिगरेट पीने पर ₹200 का चालान कट सकता है? जानिए COTPA एक्ट के नियम, सजा और जुर्माना, साथ ही कैसे भारत में पूरी तरह बैन है ई-सिगरेट और फिर भी धड़ल्ले से बिक रही हैं!

By Saloni uniyal
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स्मोकिंग पर बंपर कार्रवाई! कटे 1.4 करोड़ के चालान – जानिए कितनी होगी सजा और कितना देना पड़ेगा जुर्माना
स्मोकिंग पर बंपर कार्रवाई! कटे 1.4 करोड़ के चालान – जानिए कितनी होगी सजा और कितना देना पड़ेगा जुर्माना

स्मोकिंग पर कितनी सजा-कितना जुर्माना (Smoking Penalty and Fine) — इस सवाल का सीधा जवाब नोएडा से सामने आया है, जहां इस साल स्मोकिंग और तंबाकू कानूनों के उल्लंघन पर अब तक 1.4 करोड़ रुपए के चालान काटे जा चुके हैं। नोएडा की टौबेको कंट्रोल सेल ने वर्ष 2025 की शुरुआत से अब तक 748 चालान जारी किए हैं, जिनमें 3,548 इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (E-cigarettes) भी जब्त की गईं। ये सभी कार्रवाइयां सिगरेट एंड अदर टोबैको प्रोडक्ट एक्ट (COTPA) के तहत की गई हैं, जो सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान और तंबाकू उत्पादों के उपयोग पर रोक लगाने वाला भारत का प्रमुख कानून है।

कौन-कौन सी एक्टिविटी हैं COTPA के तहत प्रतिबंधित?

COTPA (Cigarettes and Other Tobacco Products Act) के अंतर्गत कई प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। इस एक्ट का सेक्शन 4 कहता है कि पब्लिक प्लेस यानी सार्वजनिक स्थानों पर स्मोकिंग करना प्रतिबंधित है। हालांकि, कुछ विशेष स्थान जैसे होटल, रेस्तरां और एयरपोर्ट्स पर विशेष रूप से निर्धारित एरिया में स्मोकिंग की अनुमति दी गई है। नोएडा में इस नियम के उल्लंघन पर इस साल 99 चालान काटे गए, जिन पर प्रति व्यक्ति 200 रुपए का जुर्माना लगाया गया।

नाबालिगों को तंबाकू बेचना बना अपराध, 232 चालान जारी

COTPA की धारा 6(ए) के तहत 18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचना गैरकानूनी है। इस प्रावधान के उल्लंघन पर नोएडा में कुल 232 चालान जारी किए गए। इन मामलों में भी 200 रुपए प्रति उल्लंघन का जुर्माना लगाया गया। यह संख्या दिखाती है कि नाबालिगों को तंबाकू उत्पाद आसानी से उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जो कि कानून की गंभीर अवहेलना है।

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स्कूलों के पास तंबाकू बेचना मना, फिर भी 125 चालान

COTPA की धारा 6(बी) के अनुसार किसी भी शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे में तंबाकू उत्पाद बेचना मना है। इसके बावजूद नोएडा में इस नियम के उल्लंघन पर 125 चालान जारी किए गए हैं। यह दर्शाता है कि नियमों के बावजूद स्कूल-कॉलेजों के पास तंबाकू आसानी से बेचा जा रहा है, जिससे छात्रों की सेहत पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है।

पैकेजिंग पर चेतावनी जरूरी, उल्लंघन पर 5 हजार का जुर्माना और जेल

इस एक्ट की धारा-7 के तहत यह अनिवार्य है कि सभी तंबाकू उत्पादों की पैकेजिंग पर स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य चेतावनियां अंकित होनी चाहिए। यदि कोई उत्पाद इस नियम का पालन नहीं करता, तो पहली बार में दोषी पाए जाने पर 5,000 रुपए का जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है। यदि दोबारा यही अपराध किया जाए, तो 10,000 रुपए जुर्माना और अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।

ई-सिगरेट पर पूरी तरह बैन, फिर भी जारी है कारोबार

भारत सरकार ने सितंबर 2019 में ई-सिगरेट (E-cigarette Ban in India) पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बावजूद नोएडा में इस साल 3,548 ई-सिगरेट जब्त की गईं, जिनकी कीमत लगभग 1.5 करोड़ रुपए आंकी गई है। डिस्ट्रिक्ट टोबैको कंट्रोल सेल ऑफिसर श्वेता खुराना के अनुसार, नोएडा में ई-सिगरेट की कोई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट नहीं है। इनका आयात मुख्य रूप से चीन से किया जाता है। यह दर्शाता है कि प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से इनका व्यापार जारी है।

बीते साल से बढ़ा है उल्लंघन का आंकड़ा

साल 2024 की तुलना में इस साल नोएडा में स्मोकिंग और तंबाकू उत्पादों पर कार्रवाई तेज हुई है। पिछले साल जहां 230 चालान जारी हुए थे और कुल 36,800 रुपए का जुर्माना लगाया गया था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 748 चालान और 1.4 करोड़ रुपए हो गया है। इसका सीधा मतलब है कि प्रशासन अब इस दिशा में अधिक सख्ती से कार्रवाई कर रहा है।

क्यों खतरनाक है ई-सिगरेट?

ई-सिगरेट के खतरे केवल निकोटीन तक सीमित नहीं हैं। इनमें फ्लेवरिंग एजेंट, प्रोपलीन ग्लाइकॉल और वेजिटेबल ग्लिसरीन जैसे रसायन होते हैं, जो शरीर और पर्यावरण दोनों के लिए घातक साबित हो सकते हैं। अमेरिका में हुई कई रिसर्च में पाया गया कि ई-सिगरेट से गंभीर फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, इनका कचरा भी पर्यावरण के लिए खतरनाक माना गया है।

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