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Electricity Bill Saving Tips: सिर्फ 5 ट्रिक्स से गर्मियों में बिजली का बिल होगा आधा – नंबर 3 सबसे असरदार है!

AC, फ्रिज और लाइट्स की कुछ आसान सेटिंग्स बदलकर आप हर महीने सैकड़ों रुपए बचा सकते हैं जानिए वो स्मार्ट हैक्स जो बिजली कंपनी भी नहीं चाहती कि आप जानें!

By Saloni uniyal
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Electricity Bill Saving Tips: सिर्फ 5 ट्रिक्स से गर्मियों में बिजली का बिल होगा आधा – नंबर 3 सबसे असरदार है!
Electricity Bill Saving Tips: सिर्फ 5 ट्रिक्स से गर्मियों में बिजली का बिल होगा आधा – नंबर 3 सबसे असरदार है!

गर्मियों में बिजली बिल (Electricity Bill) का बढ़ना आम बात है, लेकिन कुछ स्मार्ट उपाय अपनाकर इसे काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, वैसे-वैसे एयर कंडीशनर (AC), पंखे, कूलर और रेफ्रिजरेटर जैसे उपकरणों की मांग भी बढ़ जाती है, जिससे बिजली की खपत कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि कैसे हम बिजली की खपत को कम करके अपने मासिक खर्च को काबू में रख सकते हैं। खासतौर पर जब देशभर में रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) और ऊर्जा संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है, तो हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वह ऊर्जा की बचत करे।

एसी (AC) का तापमान 24-26 डिग्री सेल्सियस पर रखने से बचेगी बिजली

गर्मी के मौसम में एसी एक मुख्य बिजली खपत करने वाला उपकरण बन जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो एसी का तापमान अगर 24 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखा जाए, तो हर एक डिग्री कम करने पर बिजली की खपत करीब 6% तक बढ़ जाती है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि एसी को 24-26 डिग्री के बीच सेट किया जाए। यह तापमान शरीर को आरामदायक ठंडक भी देता है और बिजली की खपत को भी नियंत्रित करता है।

ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में भी 24 डिग्री को ‘डिफॉल्ट सेटिंग’ के रूप में अपनाने की सिफारिश की गई है, जिससे पूरे देश में सालाना करोड़ों यूनिट बिजली की बचत संभव हो सकती है। इससे न केवल उपभोक्ताओं के बिजली बिल में कमी आएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा।

स्टैंडबाय मोड से बचें, मेन स्विच से करें उपकरण बंद

अधिकतर लोग टीवी, सेट-टॉप बॉक्स, वॉशिंग मशीन जैसे उपकरणों को रिमोट या पावर बटन से बंद करते हैं, लेकिन ये सभी उपकरण स्टैंडबाय मोड में भी बिजली की खपत करते रहते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, स्टैंडबाय मोड में रहने वाले उपकरण सालभर में कुल बिजली खपत का 5-10% हिस्सा अकेले ले सकते हैं।

इससे बचने का सबसे आसान तरीका है कि जब भी कोई उपकरण इस्तेमाल में न हो, उसे सीधे मेन स्विच से बंद किया जाए। यह एक छोटा कदम है, लेकिन इससे महीने के अंत में बिजली बिल पर बड़ा असर पड़ सकता है।

ऊर्जा दक्ष (Energy Efficient) उपकरणों का करें चुनाव

बाजार में आजकल लगभग सभी घरेलू उपकरण ऊर्जा दक्षता रेटिंग (Star Rating) के साथ आते हैं। इनमें से 5-स्टार रेटिंग वाले उत्पाद सबसे ज्यादा बिजली की बचत करते हैं। चाहे आप नया फ्रिज खरीद रहे हों, वॉशिंग मशीन या एयर कंडीशनर—हर बार ऊर्जा दक्षता को प्राथमिकता देना आपके दीर्घकालिक फायदे में है।

ऊर्जा दक्ष उपकरण थोड़े महंगे जरूर होते हैं, लेकिन वे कम बिजली खर्च करके कुछ ही वर्षों में अपनी अतिरिक्त कीमत की भरपाई कर देते हैं। साथ ही, सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत इन उत्पादों पर सब्सिडी या टैक्स में छूट भी दी जाती है, जिससे इनकी खरीद और भी सुलभ हो जाती है।

दिन के समय प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग करें

बिजली की खपत को कम करने का एक और कारगर उपाय यह है कि दिन के समय कृत्रिम लाइट्स की बजाय प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग किया जाए। अगर घर या ऑफिस की खिड़कियां और दरवाजे इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि पर्याप्त सूर्य की रोशनी भीतर आ सके, तो दिन में लाइट्स जलाने की जरूरत नहीं पड़ती।

विशेषज्ञ मानते हैं कि सुबह 8 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक अगर कोई घर अच्छी प्राकृतिक रोशनी से भरा हो, तो प्रति दिन औसतन 1 से 1.5 यूनिट बिजली की बचत की जा सकती है।

फ्रिज को गर्मी के स्रोतों से रखें दूर, दीवार से दें पर्याप्त दूरी

रेफ्रिजरेटर भी गर्मियों में लगातार चलने वाला उपकरण है, और इसकी स्थिति यदि सही न हो, तो यह अतिरिक्त बिजली खींच सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि फ्रिज को कभी भी गैस चूल्हे, ओवन या सीधे धूप के सामने न रखें। इससे इसकी कूलिंग प्रणाली पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, और बिजली खपत बढ़ती है।

साथ ही, फ्रिज को दीवार से कम से कम 2 इंच की दूरी पर रखें, ताकि हवा का प्रवाह बना रहे और कंप्रेसर को अतिरिक्त मेहनत न करनी पड़े। इससे फ्रिज की दक्षता बढ़ेगी और बिजली की खपत कम होगी।

बिजली बचत से जुड़ा सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ भी

गर्मी के मौसम में बिजली की मांग में भारी इजाफा होता है, जिससे बिजली कंपनियों पर दबाव बढ़ता है और कई बार ग्रिड फेलियर जैसी समस्याएं सामने आती हैं। अगर हर घर थोड़ी-थोड़ी बिजली बचाए, तो देशभर में लाखों यूनिट ऊर्जा बच सकती है।

इसके अलावा, कम बिजली खपत का मतलब है कोयले जैसे पारंपरिक ईंधनों की कम खपत, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन घटता है और पर्यावरण को लाभ होता है। यह रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में एक अहम कदम माना जा सकता है।

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