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अब साल में दो बार होगी MP Board की 10वीं-12वीं परीक्षा! CBSE की तर्ज पर बड़ा बदलाव – जानिए क्या होगा असर

MP Board Exam 2025 में नया धमाका पूरक परीक्षा खत्म, मिलेगा दोबारा मौका, अस्थायी एडमिशन और अंक सुधार की सुविधा! जानिए कैसे बदल जाएगी छात्रों की किस्मत, पढ़िए पूरी खबर।

By Saloni uniyal
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अब साल में दो बार होगी MP Board की 10वीं-12वीं परीक्षा! CBSE की तर्ज पर बड़ा बदलाव – जानिए क्या होगा असर
अब साल में दो बार होगी MP Board की 10वीं-12वीं परीक्षा! CBSE की तर्ज पर बड़ा बदलाव जानिए क्या होगा असर

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MP Board) ने एक ऐतिहासिक बदलाव की घोषणा करते हुए साफ किया है कि अब CBSE की तर्ज पर राज्य में भी कक्षा 10वीं और 12वीं की मुख्य परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। यह नई व्यवस्था सत्र 2025-26 से प्रभावी मानी जा रही है। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करना, उन्हें पुनः प्रयास का अवसर देना और पूरक परीक्षा की प्रणाली को समाप्त करना है।

साल में दो बार होंगी मुख्य परीक्षाएं

गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रत्येक शैक्षणिक वर्ष में पहली परीक्षा फरवरी-मार्च और दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में आयोजित की जाएगी। इससे छात्रों को एक ही साल में दो बार मुख्य परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। जिन छात्रों का प्रदर्शन पहली परीक्षा में अच्छा नहीं रहता, उन्हें साल के भीतर ही अपनी तैयारी सुधारने और अंक बढ़ाने का दूसरा अवसर मिलेगा।

पूरक परीक्षा की व्यवस्था समाप्त

MP Board की इस नई योजना के तहत पूरक परीक्षा (Supplementary Exam) की प्रणाली समाप्त कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि अब छात्र जिन विषयों में अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित रहते हैं, वे सीधे द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकते हैं और परिणाम के आधार पर उच्चतर कक्षा में प्रवेश पा सकते हैं।

द्वितीय परीक्षा तक मिलेगा अस्थायी प्रवेश

गजट नोटिफिकेशन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जो छात्र द्वितीय परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश (Provisional Admission) की अनुमति दी जाएगी। इससे छात्रों की पढ़ाई बाधित नहीं होगी और वे नियमित रूप से अपनी शिक्षा जारी रख सकेंगे।

अंक और श्रेणी सुधार का अवसर

MP Board Exam 2025 से लागू होने वाली इस व्यवस्था के अनुसार, पहली परीक्षा में पास होने वाले छात्र भी यदि चाहें तो एक या एक से अधिक विषयों में अंक या श्रेणी सुधार (Improvement) के लिए दूसरी परीक्षा में बैठ सकते हैं। यह सुविधा उन छात्रों के लिए बेहद लाभकारी होगी जो प्रतियोगी परीक्षाओं या करियर विकल्पों के लिए अपने अंकों में सुधार करना चाहते हैं।

प्रायोगिक और आंतरिक परीक्षा का प्रावधान

प्रायोगिक विषयों (Practical Subjects) की बात करें तो छात्र द्वितीय परीक्षा में केवल उन्हीं भागों में सम्मिलित हो सकेंगे, जिनमें वे प्रथम परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे हैं। इस प्रकार केवल फेल भाग को दोहराने की अनुमति दी जाएगी, जिससे छात्रों का अतिरिक्त भार नहीं बढ़ेगा।

विषय परिवर्तन की नहीं होगी अनुमति

हालांकि यह स्पष्ट किया गया है कि द्वितीय परीक्षा के लिए आवेदन करते समय छात्र प्रथम परीक्षा में चयनित विषयों में कोई परिवर्तन नहीं कर सकेंगे। यानी छात्र उन्हीं विषयों में परीक्षा देंगे जो उन्होंने वर्ष की शुरुआत में चुने थे। परीक्षा के लिए निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन करना अनिवार्य होगा।

शिक्षा प्रणाली में होगा बड़ा बदलाव

MP Board की यह पहल न केवल छात्रों के लिए एक राहत भरी खबर है, बल्कि राज्य की पूरी शिक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा में ले जाने की तैयारी है। इस बदलाव से छात्र न केवल मानसिक तनाव से मुक्त होंगे, बल्कि उन्हें सीखने और सुधारने का एक सशक्त प्लेटफॉर्म भी मिलेगा। यह कदम CBSE Pattern को अपनाने की दिशा में एक बड़ा और साहसिक निर्णय है।

सत्र 2025-26 से लागू होगी नई परीक्षा प्रणाली

राज्य सरकार द्वारा 21 मार्च को जारी गजट के अनुसार यह बदलाव सत्र 2025-26 से लागू होगा। इससे पहले बोर्ड और स्कूल स्तर पर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। शिक्षकों और छात्रों को इस बदलाव के लिए तैयार करने हेतु कार्यशालाएं, ट्रेनिंग और अवेयरनेस प्रोग्राम्स आयोजित किए जाएंगे।

डिजिटल माध्यम से जानकारी होगी साझा

माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस नई परीक्षा प्रणाली की पूरी जानकारी डिजिटल माध्यम (Digital Medium) जैसे वेबसाइट, मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया चैनलों के जरिए समय-समय पर छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों तक पहुंचाई जाए। इससे किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति नहीं बनेगी।

छात्रों को मिलेगा दूसरा मौका, बोर्ड ने बदली रणनीति

इस नई प्रणाली के आने से यह स्पष्ट है कि MP Board अब शिक्षण प्रक्रिया को छात्र-केंद्रित (Student-Centric) बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है। दो बार परीक्षा देने का मौका मिलने से छात्र न केवल अपने प्रदर्शन में सुधार कर पाएंगे, बल्कि बोर्ड परीक्षा का डर और दबाव भी कम होगा।

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