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ऐसे मिलेगी 50% तक टैक्स में छूट! इनकम टैक्स बचाने का जबरदस्त तरीका – अभी जानिए

पुरानी टैक्स व्यवस्था अपनाने वालों के लिए सुनहरा मौका अयोध्या श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट को दान देकर सिर्फ पुण्य ही नहीं, टैक्स में भारी छूट भी पाएं। जानिए इसका पूरा फॉर्मूला, सीमाएं और फायदे, ताकि एक दान से हो जाए दो काम!

By Saloni uniyal
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ऐसे मिलेगी 50% तक टैक्स में छूट! इनकम टैक्स बचाने का जबरदस्त तरीका – अभी जानिए
ऐसे मिलेगी 50% तक टैक्स में छूट! इनकम टैक्स बचाने का जबरदस्त तरीका – अभी जानिए

अगर आप वित्त वर्ष 2024-25 (FY 2024-25) के लिए अब भी टैक्स बचाने की रणनीति बना रहे हैं, तो आपके पास एक और प्रभावशाली और पुण्यदायक विकल्प मौजूद है—अयोध्या राम मंदिर को दान (Donation) देकर न केवल आप ईश्वर की भक्ति कर सकते हैं बल्कि आयकर में छूट (Income Tax Deduction) का भी लाभ उठा सकते हैं।

सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रस्टों में अयोध्या स्थित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra Trust) को भी शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत किए गए दान पर Income Tax Act, Section 80G के तहत टैक्स में कटौती प्राप्त की जा सकती है।

80G के तहत टैक्स में कैसे मिलती है छूट?

इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80G (Section 80G of Income Tax Act) के अंतर्गत किसी भी पात्र ट्रस्ट को दान करने पर टैक्स कटौती मिलती है। लेकिन ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह लाभ केवल उन्हीं करदाताओं को प्राप्त होता है, जिन्होंने पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) को चुना है।

यानी, अगर आपने नई टैक्स स्लैब को चुना है तो आपको इस कटौती का लाभ नहीं मिलेगा। जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था में रहकर दान करते हैं, उन्हें सरकार द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार टैक्स छूट दी जाती है।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट को दान पर कितनी छूट मिलेगी?

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दिया गया दान आयकर अधिनियम की धारा 80G (2)(b) के तहत अधिसूचित है। इसका अर्थ है कि इस ट्रस्ट को दान करने पर दान की राशि का 50% तक टैक्स कटौती (50% Deduction) प्राप्त की जा सकती है।

लेकिन इस छूट पर एक और शर्त लागू होती है—दान की कटौती समायोजित सकल कुल आय (Adjusted Gross Total Income) के 10% तक ही सीमित है। यदि आप इससे अधिक दान करते हैं, तो भी कटौती केवल 10% सीमा के भीतर ही मान्य होगी।

नकद या ऑनलाइन दान—क्या है नियम?

अगर कोई व्यक्ति ₹2000 तक नकद दान करता है या ऑनलाइन माध्यम से ट्रस्ट को राशि प्रदान करता है, तो वह भी इस छूट के दायरे में आता है। हालांकि, नकद दान की सीमा ₹2000 तक ही है। इससे ऊपर के दान के लिए डिजिटल या बैंकिंग माध्यम अनिवार्य हैं।

उदाहरण से समझिए टैक्स बचत का गणित

मान लीजिए कि अनिल नामक करदाता की कुल सालाना आय ₹8,00,000 है। वह धारा 80C के तहत ₹1,50,000 की कटौती का लाभ ले चुका है और अन्य कटौतियों के रूप में ₹3,00,000 की छूट 80D आदि के तहत प्राप्त कर चुका है।

ऐसे में उसकी समायोजित सकल आय ₹3,50,000 (8,00,000 – 1,50,000 – 3,00,000) रह जाती है। अब वह अधिकतम इस ₹3,50,000 की 10% यानी ₹35,000 तक के दान पर ही टैक्स छूट का दावा कर सकता है।

अगर अनिल ने राम मंदिर ट्रस्ट को ₹40,000 का दान दिया है, तो उसे इसका केवल 50% यानी ₹20,000 की टैक्स कटौती प्राप्त होगी। यह राशि उसकी समायोजित आय की 10% सीमा यानी ₹35,000 से कम है, इसलिए पूरी कटौती मान्य होगी।

लेकिन अगर अनिल ने ₹80,000 का दान किया होता, तो दान की राशि का 50% बनता है ₹40,000—जो समायोजित सीमा ₹35,000 से अधिक है। ऐसे में अनिल को अधिकतम ₹35,000 की ही टैक्स कटौती मिलेगी, बाकी राशि पर कोई लाभ नहीं मिलेगा।

किस प्रकार के दान होते हैं पात्र?

यह ध्यान रखना जरूरी है कि सिर्फ मंदिर निर्माण, जीर्णोद्धार या इंफ्रास्ट्रक्चर विकास जैसे कार्यों के लिए दिया गया दान ही 80G के अंतर्गत पात्र माना जाता है। मंदिर द्वारा किए गए सामाजिक कार्यक्रम, धार्मिक आयोजन या अन्य गतिविधियों के लिए किया गया दान इस टैक्स लाभ के दायरे में नहीं आता।

क्यों यह विकल्प है प्रभावी?

इस विकल्प में एक खास बात यह है कि आप भक्ति और टैक्स प्लानिंग दोनों का संतुलन बना सकते हैं। राम मंदिर को दान देकर आप न केवल पुण्य अर्जित करते हैं, बल्कि वित्तीय लाभ भी उठाते हैं। यह उन करदाताओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो वर्ष के अंत में टैक्स प्लानिंग के लिए अतिरिक्त उपाय खोज रहे हैं।

टैक्स प्लानिंग में हो सकती है यह आखिरी मौका

चूंकि वित्त वर्ष 2024-25 समाप्ति की ओर है, ऐसे में जिन लोगों ने अब तक अपनी टैक्स प्लानिंग नहीं की है, उनके लिए राम मंदिर ट्रस्ट को दान करना एक बेहतर और प्रभावी विकल्प बन सकता है। खासकर यदि आप पुराने टैक्स स्लैब में आते हैं, तो यह दान न केवल आध्यात्मिक संतोष देगा बल्कि वित्तीय राहत भी।

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