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भ्रष्टाचार में कौन है टॉप 10 में? दुनिया की शर्मनाक लिस्ट में भारत का नंबर चौंकाने वाला!

CPI 2024 रिपोर्ट में शामिल 180 देशों की लिस्ट में साउथ सुडान सबसे भ्रष्ट, जानिए भारत की रैंकिंग, स्कोर और पड़ोसी देशों की स्थिति – कौन है सबसे पाक-साफ और कौन है बुरी हालत में? अब जानिए हर देश का पूरा हाल!

By Saloni uniyal
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भ्रष्टाचार में कौन है टॉप 10 में? दुनिया की शर्मनाक लिस्ट में भारत का नंबर चौंकाने वाला!
भ्रष्टाचार में कौन है टॉप 10 में? दुनिया की शर्मनाक लिस्ट में भारत का नंबर चौंकाने वाला!

करप्शन पर्सेप्शन्स इंडेक्स 2024 (Corruption Perceptions Index 2024) की रिपोर्ट ने एक बार फिर वैश्विक भ्रष्टाचार की तस्वीर को बेपर्दा कर दिया है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) द्वारा जारी इस रिपोर्ट में दुनिया के 180 देशों को भ्रष्टाचार के स्तर पर आंका गया है। इस इंडेक्स में 0 से 100 तक के स्कोर में 0 का अर्थ सबसे साफ-सुथरा और पारदर्शी देश जबकि 100 का मतलब सबसे ज्यादा भ्रष्ट देश होता है। इस रिपोर्ट में भारत (India) समेत कई देशों की रैंकिंग और स्कोर ने एक बार फिर भ्रष्टाचार के प्रति वैश्विक चिंता को उजागर कर दिया है।

साउथ सुडान बना दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश

CPI 2024 के अनुसार, दुनिया का सबसे भ्रष्ट देश बना है साउथ सुडान (South Sudan)। महज 8 के स्कोर के साथ यह देश इस लिस्ट में सबसे निचले पायदान यानी 180वें स्थान पर है। अफ्रीकी महाद्वीप में स्थित यह देश राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक संकट से जूझ रहा है, और प्रशासन में पारदर्शिता की भारी कमी है।

सोमालिया दूसरे स्थान पर

दूसरे स्थान पर है पूर्वी अफ्रीका का एक और देश सोमालिया (Somalia)। सीमा पर संघर्ष, आतंकी गतिविधियां और प्रशासनिक कमजोरियों ने इस देश को भ्रष्टाचार की दलदल में धकेल दिया है। CPI में इसे 9 का स्कोर मिला है, और यह 179वें स्थान पर है।

वेनेजुएला की स्थिति बेहद चिंताजनक

तीसरे स्थान पर है दक्षिण अमेरिका का देश वेनेजुएला (Venezuela)। आर्थिक संकट, हाइपरइन्फ्लेशन और राजनीतिक टकरावों से घिरे इस देश की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। 2023 के मुकाबले वेनेजुएला के CPI स्कोर में 3 अंकों की गिरावट आई है और अब इसका स्कोर 10 रह गया है, जिससे यह 178वें स्थान पर आ गया है।

सीरिया भी नहीं बचा भ्रष्टाचार से

चौथे स्थान पर है मिडिल ईस्ट का सीरिया (Syria)। सालों से चले आ रहे गृहयुद्ध और राजनीतिक अस्थिरता ने इस देश को बुरी तरह जकड़ लिया है। CPI स्कोर में इसे सिर्फ 12 अंक मिले हैं और यह 177वें स्थान पर मौजूद है।

यमन की हालत भी बदतर

पांचवें स्थान पर है यमन (Yemen)। अरब प्रायद्वीप में स्थित यह देश युद्ध और मानवीय संकट से घिरा हुआ है। बीते साल की तुलना में इसके CPI स्कोर में 3 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। अब यमन का स्कोर 13 है और इसकी रैंकिंग 173वीं है।

लीबिया भी भ्रष्टाचार की चपेट में

छठे स्थान पर है उत्तरी अफ्रीका का देश लीबिया (Libya)। लंबे समय से जारी राजनीतिक अस्थिरता और संस्थागत कमजोरियों के कारण यह देश भी भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। CPI 2024 में इसे भी 13 स्कोर मिले हैं, जिससे इसकी रैंकिंग यमन के साथ 173वीं रही।

सबसे कम भ्रष्ट देश बना डेनमार्क

जहां एक ओर कई देश भ्रष्टाचार में डूबे हैं, वहीं डेनमार्क (Denmark) एक बार फिर सबसे कम भ्रष्ट देश के रूप में सामने आया है। CPI स्कोर में इसे सबसे अधिक अंक मिले हैं, जिससे यह लगातार तीसरे साल पहले पायदान पर काबिज है।

भारत की स्थिति

भारत (India) को लेकर CPI 2024 का आंकड़ा कुछ खास संतोषजनक नहीं है। भारत को इस इंडेक्स में 38 का स्कोर मिला है और वह 96वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे यह साफ है कि भारत को भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करना होगा।

चीन और अमेरिका की रैंकिंग

चीन (China) को इस लिस्ट में 43 का स्कोर मिला है और वह 76वें पायदान पर है। वहीं, अमेरिका (USA) 28वें स्थान पर है, जिससे स्पष्ट है कि विकसित देशों में भी भ्रष्टाचार की समस्या पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है।

पाकिस्तान की स्थिति भारत से खराब

पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) की स्थिति भारत से कहीं ज्यादा खराब है। CPI रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान 135वें स्थान पर है, जो यह दर्शाता है कि वहां शासन और प्रशासन में पारदर्शिता की बेहद कमी है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ वैश्विक संघर्ष

CPI 2024 की रिपोर्ट यह दर्शाती है कि भ्रष्टाचार अब केवल किसी खास क्षेत्र या देश की समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह एक वैश्विक संकट बन चुका है। राजनीतिक अस्थिरता, सैन्य टकराव, आर्थिक विषमता और संस्थागत कमजोरियों के चलते कई देश बुरी तरह भ्रष्टाचार के जाल में फंसे हुए हैं।

वहीं दूसरी ओर, जिन देशों ने अपने प्रशासनिक तंत्र को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया है, वे इस लड़ाई में सफल होते नजर आ रहे हैं। भारत जैसे देशों के लिए यह एक चेतावनी और प्रेरणा दोनों है, कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो CPI रैंकिंग में सुधार संभव है।

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