
राष्ट्रीय राजमार्ग टोल में गड़बड़ी पर सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए कड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार ने 2024 में गलत टोल कटने के 12.55 लाख मामलों में रिफंड जारी किया है। इसके साथ ही 14 टोल एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में इस बाबत जानकारी दी है। इस कार्रवाई के जरिए सरकार टोल वसूली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
FASTag ट्रांजैक्शन में 0.03% गड़बड़ी, फिर भी बड़ा असर
गडकरी ने बताया कि वर्ष 2024 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के डेटा के अनुसार कुल 410 करोड़ FASTag ट्रांजैक्शन हुए, जिनमें से 0.03% यानी 12.55 लाख ट्रांजैक्शन में गलत टोल कटने की शिकायतें दर्ज हुईं, जिनका सरकार ने रिफंड जारी किया। यह दर भले ही मामूली लगे, लेकिन इतने बड़े लेन-देन में यह संख्या बहुत अहम मानी जा रही है।
कॉन्ट्रैक्ट क्लॉज-15 के तहत भारी जुर्माना
सरकार ने टोल वसूली में अनियमितता बरतने वाली कंपनियों पर 2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। गडकरी ने जानकारी दी कि अगर कोई एजेंसी गलत टोल वसूलती है, तो कॉन्ट्रैक्ट के क्लॉज-15 के तहत उस पर 30 से 50 गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम एजेंसियों को जवाबदेह बनाने और बेवजह वसूली पर लगाम लगाने के लिए उठाया गया है।
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उत्तर प्रदेश STF की जांच में खुला फर्जीवाड़ा
उत्तर प्रदेश STF द्वारा की गई जांच में कई टोल एजेंसियों के खिलाफ फर्जीवाड़े के पुख्ता सबूत मिले। इस रिपोर्ट के आधार पर 14 एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। सरकार अब इस तरह की जांच को और व्यापक बनाने पर विचार कर रही है, ताकि अन्य राज्यों में भी गड़बड़ियों को पकड़ा जा सके।
गलत टोल कटने के पीछे ये तकनीकी कारण
गडकरी ने बताया कि कई बार गलत व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (VRN) दर्ज हो जाने या FASTag रीडर द्वारा बार-बार स्कैन किए जाने से डबल चार्जिंग जैसी समस्याएं सामने आती हैं। इससे वाहन चालकों को अनावश्यक शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।
टोल वसूली में पारदर्शिता के लिए हाई-टेक कदम
सरकार अब टोल प्लाज़ा पर पारदर्शिता बढ़ाने के लिए तकनीकी उपायों को लागू कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) अब ऑडिट कैमरों की तैनाती पर विचार कर रहा है। ये कैमरे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से वाहनों की गिनती और वर्गीकरण करेंगे, जिससे टोल की सही वसूली सुनिश्चित की जा सकेगी।
20,000 किमी. हाईवे पर ATMS सिस्टम लागू
भारत सरकार ने अब तक 325 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में लगभग 20,000 किलोमीटर हाईवे के दायरे में एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) लागू किया है। इस सिस्टम से ट्रैफिक की निगरानी, आपात स्थिति में त्वरित सहायता और बेहतर यातायात नियंत्रण संभव हो पाएगा।
यात्रियों की सुविधा के लिए WSA योजना
राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने 700 वेसाइड एमेनिटी (WSA) सेंटर विकसित करने की योजना बनाई है। फिलहाल 393 WSA को मंजूरी दी जा चुकी है, जिनमें से 94 पहले से चालू हो चुके हैं। इन सेंटरों में शौचालय, रेस्टोरेंट, पार्किंग और प्राथमिक चिकित्सा जैसी सुविधाएं होंगी।
EV चार्जिंग नेटवर्क में तेजी से विस्तार
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के तहत सरकार EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूती दे रही है। अब तक भारत में 26,367 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन लगाए जा चुके हैं। सिर्फ 2024-25 में 10,019 नए EV स्टेशन चालू किए गए हैं, जिससे ई-मोबिलिटी को नई रफ्तार मिलेगी।
टोल से ₹6,661 करोड़ की कमाई
NHAI ने टोल, ऑपरेट और ट्रांसफर (TOT) मॉडल के तहत 2024-25 में ₹6,661 करोड़ की कमाई की है। यह मॉडल सरकार को राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रबंधन में मदद करता है। अब सरकार इस प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए AI, ऑडिट सिस्टम और पेनल्टी मैकेनिज्म को और सख्त कर रही है।