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आधार की एक गलती और राशन कार्डधारियों की आफत शुरू! जानिए आप तो नहीं फंसे?

दिल्ली के 72 लाख से अधिक राशनकार्ड धारकों की E-KYC प्रक्रिया में मोबाइल नंबर बन गई सबसे बड़ी बाधा, जानिए कैसे बदल सकता है आपका आधार लिंक नंबर और क्यों कोटाधारक भी हैं परेशान।

By Saloni uniyal
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आधार की एक गलती और राशन कार्डधारियों की आफत शुरू! जानिए आप तो नहीं फंसे?
आधार की एक गलती और राशन कार्डधारियों की आफत शुरू! जानिए आप तो नहीं फंसे?

दिल्ली में Ration Card धारकों की E-KYC प्रक्रिया में बड़ी अड़चनें सामने आ रही हैं, जिनका मुख्य कारण आधार में पंजीकृत मोबाइल नंबरों का बदल जाना है। दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा सभी 7277995 लाभार्थियों का ई-केवाईसी 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, लेकिन आधार से जुड़े मोबाइल नंबर में बदलाव और स्मार्टफोन की अनुपलब्धता ने इस अभियान को कठिन बना दिया है।

मोबाइल नंबर बदलने से फंसी ई-केवाईसी प्रक्रिया

दिल्ली में बड़ी संख्या में ऐसे राशनकार्ड धारक हैं, जिनके पास या तो स्मार्टफोन नहीं हैं या जिनके पास स्मार्टफोन है, उन्होंने अपने Aadhaar Card बनवाते समय जो मोबाइल नंबर पंजीकृत करवाया था, वह अब बदल गया है। नतीजतन, जब लाभार्थी ‘मेरा KYC ऐप’ के माध्यम से प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश करते हैं, तो ऐप सत्यापन के दौरान प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ा पाता। इससे लोगों को आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर अपडेट करवाने के लिए कई केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।

खाद्य विभाग की सख्ती, ई-केवाईसी के नाम पर पैसे वसूलने पर कार्रवाई

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से 21 मार्च को एक आदेश जारी किया गया, जिसमें विभाग के सहायक आयुक्त (योजना) ने यह स्पष्ट किया कि यदि कोई कोटाधारक या अन्य व्यक्ति ई-केवाईसी के नाम पर किसी लाभार्थी से पैसे की मांग करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यह सेवा पूरी तरह नि:शुल्क है और इसकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचनी चाहिए।

बायोमेट्रिक सत्यापन बना सहारा

जो लोग नियमित रूप से अपनी राशन की दुकान से राशन प्राप्त कर रहे हैं, उनके लिए राहत की बात यह है कि उनका बायोमेट्रिक सत्यापन e-POS मशीन के माध्यम से हो रहा है। इससे उन्हें ‘मेरा केवाईसी’ ऐप से सत्यापन करवाने की जरूरत नहीं पड़ रही है। लेकिन जिन लोगों का मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है और जो दुकान पर जाकर राशन नहीं ले रहे, उनके लिए परेशानी बढ़ रही है।

अब तक कितनी ई-केवाईसी हो चुकी पूरी?

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, 18 मार्च तक ‘मेरा KYC ऐप’ के जरिए 299965 लाभार्थियों का सत्यापन किया जा चुका है। वहीं अन्य माध्यमों से 1768878 लाभार्थियों ने केवाईसी के लिए आवेदन किया है, जिनका सत्यापन विभाग द्वारा अभी बाकी है।

20 मार्च तक कुल 2012668 लाभार्थी ई-केवाईसी के लिए आवेदन कर चुके हैं। जिलेवार आंकड़ों की बात करें तो सेंट्रल जिले से 138655, पूर्वी जिले से 130472, नई दिल्ली से 93269, उत्तरी जिले से 152377, उत्तर-पूर्वी जिले से 284207, उत्तर-पश्चिमी जिले से 344459, दक्षिणी जिले से 189834, दक्षिण-पश्चिमी जिले से 218904 और पश्चिमी जिले से 216700 राशनकार्ड धारियों ने ई-केवाईसी के लिए आवेदन किया है।

कोटाधारक की भूमिका और उनकी परेशानियां

दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ के अनुसार, करीब 2000 कोटाधारक लगातार लाभार्थियों को ई-केवाईसी के प्रति जागरूक कर रहे हैं। वे उन जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है, और अपने मोबाइल से उनका केवाईसी करवा रहे हैं। लेकिन इन कोटाधारकों की एक बड़ी शिकायत भी सामने आई है।

संघ के मुताबिक सितंबर 2024 से उन्हें अपना मेहनताना नहीं मिला है। इसका असर यह है कि कोटाधारक दुकान का किराया, कर्मचारियों की तनख्वाह और अन्य खर्चों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कई बार खाद्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों को पत्र और ईमेल भेजकर अपनी समस्याओं की जानकारी दी है, लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ है।

E-KYC में देरी से बढ़ सकती हैं राशन वितरण की चुनौतियां

यदि निर्धारित समयसीमा तक सभी लाभार्थियों का ई-केवाईसी पूरा नहीं होता है, तो यह राशन वितरण प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। क्योंकि सरकार की योजना है कि 100 दिवसीय कार्ययोजना के अंतर्गत सभी लाभार्थियों का डिजिटल सत्यापन पूरा किया जाए। यदि सत्यापन अधूरा रह जाता है, तो ऐसे में बहुत से लाभार्थियों को अगले महीने से राशन वितरण में दिक्कतें आ सकती हैं।

आधार से मोबाइल लिंकिंग बनी सबसे बड़ी चुनौती

इस पूरी प्रक्रिया की सबसे बड़ी अड़चन आधार से मोबाइल नंबर का लिंक न होना है। बहुत से लोगों को अब Aadhaar Enrollment Centres में जाकर नंबर अपडेट करवाना पड़ रहा है, जो एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और इसमें भी लोगों को लंबी कतारों का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार और विभाग के लिए यह आवश्यक है कि आधार-मोबाइल लिंकिंग की प्रक्रिया को सरल और सहज बनाया जाए, ताकि लाभार्थियों को कम से कम परेशानी का सामना करना पड़े।

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