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Voter ID-Aadhar Card Link: वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने पर क्या-क्या बदल जाएगा? पूरी जानकारी यहां

भारत में वोटर आईडी और आधार को लिंक करने का चुनाव आयोग का ऐतिहासिक कदम, जानिए इससे क्या बदलाव आएंगे और कैसे ये चुनावी प्रक्रिया को सुधार सकता है!

By Saloni uniyal
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Voter ID-Aadhar Card Link: वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने पर क्या-क्या बदल जाएगा? पूरी जानकारी यहां
Voter ID-Aadhar Card Link: वोटर आईडी को आधार कार्ड से लिंक कराने पर क्या-क्या बदल जाएगा? पूरी जानकारी यहां

देश में चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सही मतदान को सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग (Election Commission) ने एक अहम कदम उठाया है। इस कदम के तहत वोटर आईडी (Voter ID) और आधार कार्ड (Aadhar Card) को लिंक करने का निर्णय लिया गया है। इससे न केवल वोटिंग प्रक्रिया में सुधार आएगा, बल्कि वोटर लिस्ट (Voter List) में भी सुधार होने की उम्मीद है। आइए जानते हैं इस फैसले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी और इससे किस तरह के बदलाव होने जा रहे हैं।

आधार और वोटर आईडी को लिंक करने की अहमियत

चुनाव आयोग के मुताबिक, उनके पास 66 करोड़ से अधिक वोटरों का आधार डेटा मौजूद है। यह जानकारी उन वोटरों से ली गई है जिन्होंने अपनी मर्जी से आधार की जानकारी दी थी। हालांकि, अभी तक इस डेटा को वोटर आईडी से जोड़ा नहीं गया था, जिसके कारण वोटर लिस्ट में डुप्लिकेट नामों का मामला सामने आता था। अब चुनाव आयोग और गृह मंत्रालय के बीच हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि आधार और वोटर आईडी के डेटाबेस को आपस में जोड़ा जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया में सुधार होगा।

इसके तहत उन लोगों के डेटा को जोड़ा जाएगा जिन्होंने चुनाव आयोग को अपनी मर्जी से आधार नंबर दिया है। इससे वोटर लिस्ट में मौजूद डुप्लिकेट नामों को हटाने में मदद मिलेगी और वोटिंग में पारदर्शिता आएगी।

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत प्रक्रिया

इस लिंकिंग प्रक्रिया को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (Representation of the People Act, 1950) की धारा 23(4), 23(5), और 23(6) के तहत किया जाएगा। इस अधिनियम के मुताबिक, वोटर्स द्वारा आधार नंबर प्रदान करना स्वैच्छिक है, लेकिन इसे न देने पर किसी भी वोटर को वोटर लिस्ट में शामिल होने से नहीं रोका जाएगा। अगर कोई वोटर आधार जानकारी नहीं देता है तो उसे इसका कारण भी बताना होगा।

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फॉर्म 6B में किया जाएगा बदलाव

इस फैसले के बाद चुनाव आयोग फॉर्म 6B में बदलाव करने जा रहा है। फॉर्म 6B वह फॉर्म है जिसका इस्तेमाल वोटर्स से आधार नंबर लेने के लिए किया जाता है। अब इस फॉर्म में यह साफ-साफ उल्लेख किया जाएगा कि आधार की जानकारी देना स्वैच्छिक है या नहीं। पहले यह फॉर्म सिर्फ आधार नंबर की जानकारी देने का विकल्प देता था, अब इसमें यह भी उल्लेख होगा कि अगर कोई व्यक्ति आधार नहीं दे सकता तो उसे इसका कारण बताना होगा।

राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस फैसले को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा, “आधार को वोटर आईडी से जोड़ने का फैसला सही दिशा में कदम है। कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने लगातार चुनावी सूची के मुद्दे उठाए हैं, जिसमें डुप्लिकेट मतदाता पहचान-पत्र और असामान्य तरीके से नाम जोड़े या हटाए जाने की समस्याएं रही हैं। हालांकि, इस प्रक्रिया में सबसे गरीब और हाशिए पर पड़े लोग मुश्किलों का सामना कर सकते हैं।”

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से यह भी अपील की कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी भारतीय नागरिक अपने वोट से वंचित न रहे और गोपनीयता से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जाए।

वोटर लिस्ट में सुधार की उम्मीद

वोटर आईडी और आधार को लिंक करने का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और वोटर लिस्ट में सुधार करना है। अब तक कुछ वोटरों के नाम डुप्लिकेट तरीके से जोड़े गए थे, जिससे चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठते थे। इस कदम से इन समस्याओं का समाधान हो सकता है और भारतीय लोकतंत्र में अधिक भरोसा स्थापित हो सकता है।

अंतिम शब्द

आधार कार्ड और वोटर आईडी को लिंक करने की प्रक्रिया चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि मतदान में गड़बड़ी की समस्याएं भी कम होंगी। हालांकि, इस प्रक्रिया से कुछ लोगों को कठिनाई का सामना भी हो सकता है, खासकर उन लोगों को जिनके पास आधार कार्ड नहीं है। इसके बावजूद, यह कदम भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है।

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