
नई दिल्ली। सोना न केवल आभूषण के रूप में बल्कि निवेश के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण धातु है। भारतीय बाजार में गोल्ड की खरीदारी बड़े स्तर पर होती है, लेकिन हाल के वर्षों में सोना खरीदते समय धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में जरूरी है कि सोना खरीदने से पहले उसकी शुद्धता की सही तरीके से जांच की जाए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि सोना खरीदते समय उसकी असली पहचान कैसे करें और हॉलमार्किंग को कैसे जांचें।
BIS हॉलमार्किंग: असली सोने की पहचान का सबसे आसान तरीका
जब भी आप सोना खरीदने जाएं तो सबसे पहले BIS हॉलमार्किंग की पहचान जरूर करें। भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards – BIS) सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए हॉलमार्क जारी करता है। हॉलमार्किंग के तहत सोने के आभूषणों पर एक विशेष निशान होता है, जो उसकी गुणवत्ता और शुद्धता को दर्शाता है। यह प्रक्रिया सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है और सोना खरीदते समय इसे चेक करना बेहद जरूरी होता है।
हॉलमार्किंग के निशान से कैसे पहचानें असली सोना?
असली हॉलमार्किंग वाले सोने पर BIS का त्रिकोणीय लोगो बना होता है। इसके अलावा सोने की शुद्धता और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी अंकित होती हैं। उदाहरण के लिए:
- 375 हॉलमार्क: 37.5% शुद्धता (9 कैरेट सोना)
- 585 हॉलमार्क: 58.5% शुद्धता (14 कैरेट सोना)
- 750 हॉलमार्क: 75.0% शुद्धता (18 कैरेट सोना)
- 916 हॉलमार्क: 91.6% शुद्धता (22 कैरेट सोना)
- 990 हॉलमार्क: 99.0% शुद्धता (24 कैरेट सोना)
अगर हॉलमार्क पर यह संख्याएं मौजूद हैं तो इसका मतलब है कि सोने की शुद्धता प्रमाणित है और आपको किसी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना नहीं है।
कैरेट से समझें सोने की शुद्धता
सोने की शुद्धता को कैरेट (Karat – K) में भी मापा जाता है। कैरेट जितना अधिक होगा, सोना उतना ही शुद्ध होगा। नीचे सोने की शुद्धता के आधार पर कैरेट की जानकारी दी गई है:
- 24 कैरेट (24K): 99.9% शुद्ध सोना
- 22 कैरेट (22K): 91.6% शुद्ध सोना
- 18 कैरेट (18K): 75% शुद्ध सोना
- 14 कैरेट (14K): 58.5% शुद्ध सोना
- 10 कैरेट (10K): 41.7% शुद्ध सोना
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यदि आप सोना निवेश के रूप में खरीद रहे हैं तो 24 कैरेट सोना सबसे शुद्ध और उत्तम विकल्प है। वहीं, आभूषणों के लिए आमतौर पर 22 कैरेट या 18 कैरेट सोना इस्तेमाल किया जाता है।
नकली सोने की पहचान कैसे करें?
आजकल बाजार में नकली और मिलावटी सोने की बिक्री भी होती है। ऐसे में आपको कुछ अतिरिक्त सावधानियां बरतनी चाहिए। असली सोने की पहचान के लिए ये तरीके अपनाएं:
- चुंबक से जांच: असली सोना चुंबक से आकर्षित नहीं होता। यदि सोना चुंबक की ओर आकर्षित हो रहा है तो समझ लें कि उसमें कोई मिलावट की गई है।
- सिरेमिक टेस्ट: एक बिना चमक वाले सिरेमिक टाइल पर सोने को रगड़ें। यदि यह सफेद या काला निशान छोड़ता है, तो यह नकली हो सकता है। असली सोना सुनहरा निशान छोड़ता है।
- नाइट्रिक एसिड टेस्ट: नाइट्रिक एसिड की कुछ बूंदें सोने पर डालें। यदि इसमें कोई रंग परिवर्तन होता है, तो यह शुद्ध सोना नहीं है।
- वजन की जांच: शुद्ध सोना अधिक घना होता है, इसलिए यदि वजन में अंतर दिखे तो सतर्क रहें।
कहां से खरीदें शुद्ध सोना?
यदि आप सोना खरीद रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि आप इसे BIS प्रमाणित ज्वैलरी स्टोर से ही खरीदें। लोकल या अनजान स्रोतों से सोना खरीदने पर शुद्धता की गारंटी नहीं होती और ठगी का खतरा रहता है।
सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
- बीआईएस हॉलमार्किंग की जांच करें।
- कैरेट और शुद्धता के निशान को ध्यान से देखें।
- बिल या इनवॉइस जरूर लें, जिससे भविष्य में कोई समस्या न हो।
- रिटर्न पॉलिसी के बारे में पूछें ताकि जरूरत पड़ने पर आप सोना वापस कर सकें।
- गोल्ड का प्राइस बाजार दर के हिसाब से ही चेक करें और उसकी पुष्टि करें।