
राज्य सरकार अब स्टेट हाईवे (SH) पर भी टोल टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है। पथ निर्माण विभाग ने इस योजना को अमल में लाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया है। जिस तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर सफर करने के दौरान वाहन चालकों को टोल टैक्स देना पड़ता है, उसी तरह अब राज्य उच्च पथों पर भी टोल टैक्स लगेगा। खासतौर पर हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के तहत बनने वाली सड़कों पर टोल देना अनिवार्य होगा।
पटना पहुंचने की समयसीमा होगी कम, नए लक्ष्य तय
पथ निर्माण विभाग की योजना राज्य के किसी भी कोने से पटना तक की यात्रा को कम समय में पूरा करने की है। वर्तमान में यह लक्ष्य पांच घंटे में पटना पहुंचाने का है, जिसे आगामी तीन-चार महीनों में पूरा करने की योजना पर काम हो रहा है। इसके अलावा, 2027 तक चार घंटे में और 2035 तक तीन घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है। ये सभी योजनाएं वर्ष 2047 में विकसित भारत (Developed India 2047) के लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई हैं।
सड़कों का होगा चौड़ीकरण, संपर्कता होगी बेहतर
इस योजना के तहत राज्य की प्रमुख सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। मुख्यमंत्री पथ विस्तारीकरण योजना के तहत एक लेन वाली सड़कों को दो लेन या उससे अधिक में बदला जाएगा। इसके अलावा, राज्य में पहले से मौजूद चार और छह लेन की सड़कों को सभी जिलों और प्रमुख शहरों से बेहतर संपर्कता देने के लिए अध्ययन किया जा रहा है।
HAM मॉडल से बनेगी सड़कें, देना होगा टोल टैक्स
सरकार हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर सड़क निर्माण कराने की तैयारी कर रही है। इस प्रणाली में निर्माण एजेंसी खुद 60% राशि खर्च करती है, जबकि शेष राशि राज्य सरकार और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से जुटाई जाती है। निर्माण एजेंसी को यह निवेश टोल टैक्स के जरिए वापस मिलता है। इसलिए, अगर राज्य में स्टेट हाईवे इस मॉडल पर बनाए जाते हैं, तो वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को भी टोल टैक्स देना होगा।
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पहले भी आया था ऐसा प्रस्ताव, फिर हुआ था खारिज
कुछ साल पहले भी स्टेट हाईवे पर टोल लगाने का प्रस्ताव लाया गया था, लेकिन सरकार के शीर्ष स्तर पर समीक्षा के बाद इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया था। अब जबकि सरकार पर सड़कों के विकास के लिए भारी खर्च का दबाव है, इसलिए दोबारा इस योजना को लागू करने पर विचार किया जा रहा है।
सड़क निर्माण पर खर्च होंगे हजारों करोड़, टोल टैक्स जरूरी
बिहार में सड़क निर्माण पर हर साल हजारों करोड़ रुपये खर्च होते हैं। अधिकारियों का कहना है कि राज्य के लोगों को बेहतर और तेज यातायात सुविधा देने के लिए सरकार को बड़े पैमाने पर निवेश करना होगा। इतनी बड़ी राशि केवल सरकार के बजट से वहन करना संभव नहीं है। इसलिए, टोल टैक्स एक जरूरी कदम बन सकता है, जिससे न केवल सड़क निर्माण में मदद मिलेगी बल्कि रखरखाव के लिए भी फंड उपलब्ध होगा।
नए मॉडल से बनेगी सड़कों की किस्मत, टोल टैक्स से मिलेगी राहत या बढ़ेगा बोझ?
स्टेट हाईवे पर टोल टैक्स लगने से लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा या इससे उन्हें बेहतर सड़क सुविधा मिलेगी, यह देखने वाली बात होगी। सरकार का तर्क है कि बेहतर कनेक्टिविटी से यात्रियों का समय बचेगा और सड़क सुरक्षा भी मजबूत होगी। हालांकि, इस फैसले पर आम जनता की क्या प्रतिक्रिया होगी, यह आगे देखने को मिलेगा।