
झारखंड सरकार द्वारा संचालित मंईयां सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के लाभार्थियों की सूची से हाल ही में हजारों महिलाओं के नाम हटा दिए गए हैं। इस योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह ₹2500 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, लेकिन हाल ही में सरकार ने 52,293 महिलाओं को इस योजना से बाहर कर दिया है। सरकार के अनुसार, इन महिलाओं ने पात्रता मानकों को पूरा नहीं किया था, फिर भी वे योजना का लाभ उठा रही थीं।
क्यों हटाए गए 52,293 महिलाओं के नाम?
झारखंड सरकार ने Maiya Samman Yojana के लिए कुछ पात्रता शर्तें तय की हैं, जिनके तहत केवल जरूरतमंद महिलाओं को ही इस योजना का लाभ मिल सकता है। लेकिन जांच के दौरान पता चला कि कई ऐसी महिलाएं भी इस योजना का लाभ ले रही थीं, जो वास्तव में इसके लिए योग्य नहीं थीं। इनमें से कई महिलाएं आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों से थीं, जिनके परिवार में सरकारी नौकरी करने वाले लोग हैं। सरकार ने इसे देखते हुए कार्रवाई की और हजारों महिलाओं को इस योजना की लाभार्थी सूची से हटा दिया।
जांच में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
राज्य सरकार ने इस योजना से जुड़े लाभार्थियों की गहन जांच की और पाया कि कुल 8 से 10 लाख महिलाएं ऐसी हो सकती हैं, जो बिना पात्रता के इस योजना का लाभ ले रही हैं। ऐसे में सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इन सभी नामों को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा और यह योजना सिर्फ उन्हीं जरूरतमंद महिलाओं को दी जाएगी, जो पात्रता मानकों को पूरा करती हैं।
कैसे होती है योजना की पात्रता जांच?
मंईयां सम्मान योजना के तहत लाभ पाने के लिए महिलाओं को सरकार द्वारा तय किए गए कुछ मानदंडों को पूरा करना होता है। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं: महिला की आर्थिक स्थिति कमजोर होनी चाहिए।महिला के परिवार में कोई सरकारी नौकरी करने वाला सदस्य नहीं होना चाहिए। महिला को किसी अन्य सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए।
सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल वेरिफिकेशन और डेटा क्रॉस-चेकिंग की प्रक्रिया अपनाई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि कई महिलाएं अपात्र होते हुए भी योजना का लाभ उठा रही थीं।
अब आगे क्या होगा?
झारखंड सरकार अब इस योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान को और सख्त करने जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, जिन महिलाओं के नाम काटे गए हैं, उन्हें योजना के तहत मिलने वाली ₹2500 की सहायता अब नहीं मिलेगी। इसके अलावा, सरकार इस योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नई टेक्नोलॉजी और ऑडिट सिस्टम का उपयोग करेगी, ताकि कोई भी अपात्र व्यक्ति इस योजना का गलत फायदा न उठा सके।
क्या अन्य लाभार्थियों पर भी पड़ेगा असर?
फिलहाल सरकार केवल उन महिलाओं को ही इस योजना से बाहर कर रही है, जो अपात्र साबित हुई हैं। लेकिन जिन महिलाओं को वास्तव में इस योजना की जरूरत है और जो सभी पात्रता मानकों को पूरा करती हैं, उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा।
हालांकि, जिन 8-10 लाख महिलाओं की जांच अभी की जा रही है, उनमें से यदि कोई भी अपात्र पाई जाती है, तो उन्हें भी इस योजना से बाहर किया जा सकता है। सरकार ने साफ किया है कि भविष्य में यह योजना केवल उन्हीं जरूरतमंद महिलाओं के लिए लागू रहेगी, जो इसकी सही हकदार हैं।
सरकार की सख्ती से क्या सीख मिली?
सरकार की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि कोई भी सरकारी योजना केवल योग्य लाभार्थियों तक ही सीमित रहनी चाहिए। अपात्र लोगों द्वारा योजनाओं का गलत लाभ उठाने से जरूरतमंदों को उनका हक नहीं मिल पाता। Maiya Samman Yojana के तहत सरकार की इस सख्ती से यह भी साबित होता है कि अब सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता बढ़ रही है और गड़बड़ियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।