
भारत सरकार द्वारा बाल आधार कार्ड (Baal Aadhaar Card) की शुरुआत नागरिक पहचान को मजबूत बनाने और सरकारी सेवाओं की पहुंच को सुगम बनाने के उद्देश्य से की गई है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए जारी किया जाने वाला यह आधार कार्ड उनकी पहचान सुनिश्चित करने में मदद करता है। यह न केवल पहचान पत्र के रूप में कार्य करता है, बल्कि बच्चों को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं, शैक्षणिक लाभ और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सहायक होता है।
बाल आधार कार्ड की विशेषताएँ
बाल आधार कार्ड में वयस्क आधार कार्ड की तुलना में कुछ महत्वपूर्ण अंतर होते हैं। यह कार्ड 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए जारी किया जाता है और इसमें बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन) शामिल नहीं होते हैं। इसके बजाय, यह माता-पिता में से किसी एक के आधार कार्ड से लिंक होता है।
इसमें बच्चे का नाम, फोटो, जन्म तिथि और जेंडर जैसी आवश्यक जानकारियां दर्ज होती हैं। जब बच्चा 5 वर्ष का हो जाता है, तब बायोमेट्रिक डेटा को जोड़ा जाता है और इसे अपडेट किया जाता है। 15 वर्ष की आयु में इसे फिर से अपडेट करने की आवश्यकता होती है ताकि बायोमेट्रिक डेटा पूरी तरह से विकसित हो सके।
बाल आधार कार्ड के फायदे
बाल आधार कार्ड सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और लाभ प्राप्त करने में मदद करता है। कई राज्यों में बच्चों के लिए चलाई जा रही मिड-डे मील योजना, छात्रवृत्ति योजनाएँ और स्वास्थ्य सेवाएँ इसी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती हैं। स्कूलों में एडमिशन के दौरान आईडी प्रूफ के रूप में बाल आधार कार्ड का उपयोग किया जा सकता है। इससे बच्चे की पहचान को प्रमाणित करना आसान हो जाता है। सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न टीकाकरण कार्यक्रमों, चिकित्सा योजनाओं और आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं का लाभ बाल आधार कार्ड के माध्यम से लिया जा सकता है। बाल आधार कार्ड होने से घरेलू यात्रा के दौरान बच्चे की पहचान के लिए एक मान्य दस्तावेज के रूप में इसका उपयोग किया जा सकता है। रेलवे और हवाई यात्रा में यह सहायक सिद्ध होता है।
बाल आधार कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें?
बाल आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए UIDAI ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों सुविधाएं प्रदान की हैं। माता-पिता UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं और नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसके लिए बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता में से किसी एक का आधार कार्ड और पते का प्रमाण जैसे दस्तावेज आवश्यक होते हैं। केंद्र पर बच्चे की फोटो ली जाती है और माता-पिता के आधार से लिंक किया जाता है। 5 साल की उम्र के बाद, बायोमेट्रिक डेटा जोड़ने के लिए अपडेट कराना जरूरी होता है।
आधार केंद्र पर क्या प्रक्रिया होगी?
जब आप निर्धारित समय पर आधार सेवा केंद्र पर पहुंचते हैं, तो वहां बच्चे की फोटो खींची जाएगी और माता-पिता के आधार से लिंक किया जाएगा। 5 साल की उम्र के बाद, बच्चे के बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, रेटिना स्कैन) को अपडेट करने के लिए दोबारा केंद्र पर जाना होगा।
ऑनलाइन आवेदन के लाभ
ऑनलाइन अपॉइंटमेंट बुक करने से लंबी कतारों से बचा जा सकता है और प्रक्रिया तेज हो जाती है। इससे माता-पिता को अनावश्यक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और वे आराम से निर्धारित समय पर सेवा केंद्र पहुंच सकते हैं।