
डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) को लेकर सरकार एक बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। देश में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) और RuPay डेबिट कार्ड के जरिये लेन-देन तेजी से बढ़ रहा है। मौजूदा समय में इन ट्रांजैक्शनों पर कोई मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज नहीं लगता, लेकिन अब सरकार इसे फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है, तो डिजिटल पेमेंट करना महंगा हो सकता है।
16 बिलियन डिजिटल ट्रांजैक्शन, 22 लाख करोड़ का लेन-देन
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक, फरवरी 2025 में UPI के जरिये 16 बिलियन से ज्यादा लेन-देन हुए, जिनकी कुल राशि 22 लाख करोड़ रुपये रही। डिजिटल ट्रांजैक्शन में इस बढ़ोतरी के चलते सरकार इस सिस्टम को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए नए चार्जेज लागू करने पर विचार कर रही है।
क्या है MDR और क्यों लागू हो सकता है?
MDR (Merchant Discount Rate) वह शुल्क होता है, जो व्यापारी (दुकानदार) डिजिटल पेमेंट को प्रोसेस करने के बदले अपने बैंक को देते हैं। 2022 के बजट में सरकार ने इस शुल्क को हटाने का फैसला लिया था, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिल सके। लेकिन अब सरकार एक नई मूल्य निर्धारण प्रणाली पर विचार कर रही है, जिसमें बड़े कारोबारियों को MDR देना होगा, जबकि छोटे व्यापारियों (40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले) को इससे छूट मिलेगी।
क्यों लिया जा सकता है यह फैसला?
डिजिटल ट्रांजैक्शन में भारी वृद्धि सरकार के इस कदम के पीछे कई प्रमुख कारण हैं बैंक और फिनटेक कंपनियों की मांग UPI के जरिये लेन-देन लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे सरकार को इस सिस्टम को मजबूत और आर्थिक रूप से टिकाऊ बनाने की जरूरत महसूस हो रही है। इसके आलावा बैंकिंग संस्थान और पेमेंट एग्रीगेटर कंपनियां MDR शुल्क लागू करने की मांग कर रही हैं, जिससे वे अपनी आय बढ़ा सकें और बेहतर पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा सकें। नई नियमावली और बढ़ी हुई लागत पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) के लिए नए ऑनलाइन नियम लागू किए गए हैं, जिससे उनकी अनुपालन लागत (Compliance Cost) बढ़ गई है। ऐसे में, बैंकों और फिनटेक कंपनियों के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन से कमाई करना जरूरी हो गया है।
पहले कितना लगता था MDR चार्ज?
MDR शुल्क हटाने से पहले व्यापारियों को बैंकों को भुगतान करना पड़ता था:
- डेबिट कार्ड पेमेंट पर: 0.4% से 0.9% तक MDR चार्ज लगता था।
- क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर: यह 1% से 2% तक था।
- UPI और RuPay कार्ड पर: पहले कोई चार्ज नहीं था, लेकिन अब बड़े व्यापारियों पर यह लागू किया जा सकता है।
यह भी पढ़े- WhatsApp Hack! अकाउंट हुआ हैक? तुरंत करें ये 5 काम, वरना बड़ा नुकसान
बड़े व्यापारियों पर असर, छोटे कारोबारियों को राहत
अगर नया MDR नियम लागू होता है, तो मुख्य रूप से 40 लाख रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को इसका असर झेलना पड़ेगा। हालांकि, छोटे व्यापारी जो कम डिजिटल ट्रांजैक्शन करते हैं, उन्हें अभी भी मुफ्त UPI और RuPay डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलती रहेगी।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
अगर सरकार MDR शुल्क फिर से लागू करती है, तो इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ सकता है। व्यापारी इस चार्ज को उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में जोड़ सकते हैं, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।
सरकार कब ले सकती है अंतिम फैसला?
सरकार अभी इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है और बैंकों, फिनटेक कंपनियों तथा व्यापारिक संगठनों से सुझाव ले रही है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। यदि MDR लागू होता है, तो डिजिटल भुगतान करने वालों को अब अतिरिक्त खर्च के लिए तैयार रहना होगा।