
उत्तराखंड में Smart Bijli Meter उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद लोगों को उनके पूर्व के बिलों की तुलना में कई गुना ज्यादा बिल थमाए जा रहे हैं। चांदमारी निवासी एक उपभोक्ता को तो डेढ़ लाख रुपये का बिल थमा दिया गया, जिससे उपभोक्ताओं में हड़कंप मच गया है। इस मामले में एसडीओ ने जांच कर त्रुटि मिलने पर बिलों को सही करने का आश्वासन दिया है।
स्मार्ट मीटर से बढ़े बिजली बिल, उपभोक्ता परेशान
उत्तराखंड में Smart Bijli Meter लगाने का कार्य किया जा रहा है, लेकिन इसके शुरुआती चरण में ही उपभोक्ताओं की शिकायतों की लंबी सूची बनती जा रही है। कई उपभोक्ताओं को उनके सामान्य बिल की तुलना में 5 से 10 गुना तक अधिक राशि के बिल मिल रहे हैं।
गुरुवार को विद्युत कार्यालय में पहुंचे चांदमारी निवासी कर्मजीत सिंह ने बताया कि उनका मासिक बिजली बिल लगभग ₹2,500 आता था, लेकिन इस बार डेढ़ लाख रुपये का बिल भेज दिया गया। इसी तरह भगवान सिंह ने कहा कि उनका पहले ₹800 मासिक बिल आता था, लेकिन इस बार ₹5,000 का बिल थमा दिया गया।
उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतें, विभाग में हड़कंप
सिर्फ कर्मजीत सिंह या भगवान सिंह ही नहीं, बल्कि कई अन्य उपभोक्ताओं ने भी बढ़े हुए बिजली बिल की शिकायत की है। सभासद जमना देवी, पूनम तोमर और कपिल लोधी सहित कई लोगों ने विद्युत कार्यालय पहुंचकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। एक महिला उपभोक्ता ने बताया कि पहले उनका बिल ₹500 प्रति माह आता था, लेकिन अब यह ₹5,000 हो गया है।
इस पर विद्युत विभाग के एसडीओ गिरिराज सैनी ने कहा कि शिकायतों की जांच की जा रही है और यदि कोई तकनीकी त्रुटि पाई जाती है, तो उसे ठीक किया जाएगा।
चुनिंदा घरों में ही लगाए जा रहे हैं स्मार्ट मीटर, लोगों में रोष
स्थानीय निवासियों में सिर्फ बढ़े हुए बिजली बिलों को लेकर ही नहीं, बल्कि Smart Bijli Meter लगाने की प्रक्रिया को लेकर भी असंतोष है। लोगों का कहना है कि एक ही मोहल्ले में कुछ चुनिंदा घरों में ही स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जिससे कई तरह की शंकाएं जन्म ले रही हैं।
स्थानीय लोगों की मांग है कि सभी घरों में एक साथ मीटर लगाए जाएं ताकि किसी को भेदभाव का एहसास न हो और सभी उपभोक्ताओं को पारदर्शी बिलिंग प्रक्रिया का लाभ मिल सके।
विद्युत विभाग की सफाई, उपभोक्ताओं को आश्वासन
विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि Smart Bijli Meter लगाने का उद्देश्य पारदर्शिता लाना और उपभोक्ताओं को सही बिलिंग सुविधा प्रदान करना है। यदि किसी उपभोक्ता को अधिक बिल आया है, तो उसकी जांच कर उचित समाधान किया जाएगा।
एसडीओ गिरिराज सैनी ने कहा, “हमारी टीम सभी शिकायतों की जांच कर रही है और जहां भी गलत बिलिंग पाई जाएगी, वहां आवश्यक सुधार किया जाएगा। उपभोक्ताओं को चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
स्मार्ट मीटर से जुड़ी समस्याओं पर सरकार का क्या कहना है?
सरकार द्वारा Renewable Energy को बढ़ावा देने और पारदर्शी बिजली बिलिंग के लिए Smart Bijli Meter लगाने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब यह योजना उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बनती जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम को ठीक से लागू किए बिना इसे व्यापक स्तर पर लागू करने से उपभोक्ताओं को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सरकार और विद्युत विभाग को चाहिए कि वे पहले स्मार्ट मीटर की खामियों को दूर करें, फिर इसे सभी घरों में अनिवार्य करें।