
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) से सम्बन्ध रखने वाले सुशील कुमार शिंदे (Sushil kumar Shinde) महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में गिने जाते हैं। सुशील कुमार शिंदे के बारे में कहा जाता है कि वे काफी लो प्रोफाईल रहते हैं और लाईमलाईट में आने से बचते हैं। दलित समाज से आने वाले सुशील कुमार शिंदे महाराष्ट्र सरकार के कई अहम पदों पर रहते हुये महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। वे तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार में केन्द्रीय मंत्री के पद पर भी रहे हैं।
नाम | सुशील कुमार शिंदे (Sushilkumar Shinde) |
जन्म | 4 सितम्बर 1941 तत्कालीन ब्रिटिश इंडिया, सोलापुर महाराष्ट्र |
प्रारंभिक शिक्षा | दयानन्द कालेज सोलापुर से आर्टस में ग्रेजुऐट शिवाजी कालेज से कानून की पढाई |
पत्नी का नाम | उज्ज्वला शिंदे (Ujjwala Shinde) |
बच्चे | प्रनीति शिंदे, प्रीति शिंदे, स्मृति संजय पहाडिया |
क्षेत्र | राजनीति (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) |
पद | लगातार पांच बार के विधायक, महाराष्ट्र राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री, भारत सरकार में बिजली मंत्री, भारत सरकार के गृह मंत्री और लोकसभा के अध्यक्ष आंध्र प्रदेश के राज्यपाल |
सुशील कुमार शिंदे का जीवन परिचय
एक दलित परिवार से सम्बन्ध रखने वाले सुशील कुमार शिंदे का जन्म तत्कालीन ब्रिटिश इंडिया के बम्बई प्रांत के सोलापुर में 4 सितम्बर 1941 को हुआ था। इनके पिता का नाम संभाजी राव शिंदे और माता का नाम सक्कू बाई था। यह स्थान आज के महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। सोलापुर को अब जिला बना दिया गया है। साथ ही यह जिला मुख्यालय भी है। सुशील कुमार शिंदे ने अपनी प्रारंभिक स्तर की शिक्षा सोलापुर से ही ग्रहण की। इसके बाद उन्होंने दयानन्द कालेज सोलापुर से अपना ग्रेजुऐशन पूरा किया। आर्टस में ग्रेजुऐशन की डिग्री लेने के पश्चात वे कानून की पढाई करने के लिये शिवाजी विश्वविद्यालय चले गये और कानून की डिग्री लेकर जिला एवं सत्र न्यायालय (District And Session Court) सोलापुर में बतौर नाजिर अपनी सेवायें देने लगे।
करियर
शिंदे वकालत के क्षेत्र में वर्ष 1965 तक रहे और सत्र न्यायालय में नाजिर की नौकरी छोड दी। नौकरी छोडने के बाद वे महाराष्ट्र पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल (Constable) भर्ती हो गये और पांच वर्ष तक पुलिस विभाग में अपनी सेवायें दी। कहा जाता है कि शिंदे ने सीआईडी (CID) में भी बतौर सब इंस्पेक्टर (Sub Inspector) कुछ समय तक अपनी सेवाएं दी थी। पुलिस में नौकरी करते हुये ये एक और राजनेता शरद पवार के सम्पर्क में आये और एनसीपी के नेता शरद पवार ने इन्हें राजनीति में आने का आग्रह किया। शरद पवार की बात मानकर इन्होंने पुलिस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और पूरी तरह से राजनीति में आ गये।
इसी बीच 1 मई 1970 को इनका विवाह उज्ज्वला शिंदे के साथ हुआ। इनकी तीन पुत्रियां हैं, जिनके नाम प्रनीति शिंदे, स्मृति संजय पहाडिया और प्रीति शिंदे है। प्रनीति शिंदे वर्तमान में महाराष्ट्र की सोलापुर सीट से विधायक हैं।
राजनीतिक जीवन
राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार के आग्रह पर सुशील कुमार शिंदे ने राजनीति को अपने कार्यक्षेत्र के रूप में चुन लिया। इसके लिये सबसे पहले उन्होनें महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की करमाला सीट से विधानसभा का उप चुनाव लडा और जीत गये। इसके बाद ये 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये। शिंदे लगातार पांच बार विधानसभा के लिये निर्वाचित हुये। 1974, 1980, 1985, 1990 और 1992 का महाराष्ट्र आम विधान सभा चुनाव इन्होंने लडा और इनमें जीत दर्ज की। इसके साथ ही 1992 से 1998 तक वे राज्यसभा के सांसद भी रहे। इसके बाद इन्होंने कांग्रेस पार्टी की ओर से 2002 में उपराष्ट्रपति के पद के लिये चुनाव लडा। लेकिन शिंदे इस चुनाव में एनडीए (National Democratic Aliance) के उम्मीदवार भैरो सिंह शेखावत से हार गये।
इसके बाद 2003 में इन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया गया। शिंदे मुख्यमंत्री के पद पर 2004 तक रहे। 2004 में इन्हें आंध्र प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी सौंपी गयी। आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर उन्होंने 30 अक्टूबर 2004 से 29 जनवरी 2006 तक अपनी सेवायें दी। राज्यपाल रहने के बाद शिंदे ने फिर से राजनीति की ओर अपना रूख किया और 2006 में महाराष्ट्र से निर्विरोध राज्यसभा सांसद बने। इसके बाद शिंदे को लोक सभा का नेता चुन लिया गया क्योंकि शिंदे से पहले लोकसभा के नेता रहे प्रणव मुखर्जी को तत्कालीन यूपीए (United Progressive Aliance) सरकार में भारत का राष्ट्रपति चुन लिया गया था। इसके बाद यूपीए में वे लम्बे समय तक भारत के बिजली मंत्री रहे। 2012 में उन्होंने भारत के गृह मंत्री का पदभार गृहण किया।
वर्तमान में सुशील कुमार शिंदे
2014 के लोकसभा चुनाव में सुशील कुमार शिंदे को हार का मुंह देखना पडा । वह यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी के नेता शरद बंसोडे से हार गये। इसके बाद इन्होने ने अपने गृहनगर सोलापुर से 2019 में कांग्रेस पार्टी से लोकसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन इस बार भी शिंदे को बीजेपी के सिद्वेश्वर महाराज के हाथों 1 लाख से अधिक वोटों से हार का सामना करना पडा। इसके बाद शिंदे ने सक्रिय राजनीति को अलविदा कह दिया है। वर्तमान में उनकी बेटी प्रनीति सोलापुर सीट से विधायक हैं।
सुशील कुमार शिंदे भारतीय राजनेता हैं। वे महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री के साथ साथ भारत सरकार में गृह मंत्री भी रहे हैं।
एक नाथ शिंदे वर्तमान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना संसदीय दल के नेता हैं।
31 जुलाई 2012 से 26 मई 2014 तक सुशील कुमार शिंदे ने भारत के गृहमंत्री के तौर पर अपनी सेवाएं दी।
अमित शाह वर्तमान में भारत के गृहमंत्री हैं।
1971 में कांग्रेस पार्टी में शामिल होने वाले सुशील कुमार शिंदे वर्तमान तक भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के साथ जुडे हुये हैं। हालांकि शिंदे सक्रिय राजनीति से संन्यास की घोषणा कर चुके हैं।
यूपीए संयुक्त प्रगतिशील गठबन्धन (United Progressive Aliance) का लघु रूप है। इसकी स्थापना 2004 के लोक सभा चुनावों के नतीजे आने के बाद हुई थी। किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने के कारण अलग अलग दलों ने मिलकर यह गठबन्धन सरकार चलायी थी। यूपीए का नेतृत्व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस करती है।