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बड़ी खुशखबरी! दाल, चना और गेहूं के दाम गिरे, 400 रुपये तक सस्ता हुआ अनाज – जानें ताजा बाजार रेट

सरकारी स्टॉक लिमिट और नई फसल की आवक से मंडियों में उथल-पुथल, गेहूं-आटा सस्ता, दालों के दाम भी गिरे! क्या ये गिरावट जारी रहेगी? जानें पूरी रिपोर्ट!

By Saloni uniyal
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बड़ी खुशखबरी! दाल, चना और गेहूं के दाम गिरे, 400 रुपये तक सस्ता हुआ अनाज – जानें ताजा बाजार रेट
बड़ी खुशखबरी! दाल, चना और गेहूं के दाम गिरे, 400 रुपये तक सस्ता हुआ अनाज – जानें ताजा बाजार रेट

मध्य प्रदेश में इस समय दालों और गेहूं के दामों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। पिछले एक महीने में तुअर दाल की कीमतों में 40 से 60 रुपए तक की गिरावट देखी गई है। जहां पहले तुअर दाल 160 रुपए प्रति किलो बिक रही थी, अब यह 100 से 120 रुपए प्रति किलो मिल रही है। दालों की कीमतों में आई गिरावट से मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत मिली है। गेहूं के दामों में भी 400 रुपए प्रति क्विंटल से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। इस गिरावट का मुख्य कारण नई फसल की आवक और सरकार द्वारा स्टॉक लिमिट नियंत्रण लागू करना माना जा रहा है, जो 31 मार्च तक प्रभावी रहेगा।

गेहूं के दामों में आई भारी गिरावट

मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में रबी सीजन की मुख्य फसल गेहूं की नई आवक तेजी से हो रही है। मार्च की शुरुआत से ही गेहूं की आवक में लगातार वृद्धि देखी गई है। कृषि उपज मंडी कुसमेली में पिछले तीन दिनों में 29 हजार क्विंटल गेहूं की आवक दर्ज की गई है। सोमवार की तुलना में मंगलवार को गेहूं के दाम 300 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गए। सोमवार को न्यूनतम दर 2450 रुपए और अधिकतम 3365 रुपए प्रति क्विंटल थी, लेकिन मंगलवार को यह घटकर 2440 से 3060 रुपए प्रति क्विंटल रह गई। बुधवार को दाम और कम हुए, जहां न्यूनतम दर 2411 रुपए और अधिकतम दर 2901 रुपए प्रति क्विंटल रही।

आटे और मैदा की कीमतों में मामूली गिरावट

हालांकि गेहूं की कीमतों में भारी गिरावट आई है, लेकिन इसका असर आटे की कीमतों पर मामूली रूप से पड़ा है। थोक और फुटकर किराना व्यापारियों का कहना है कि आटे के दामों में अब तक अधिक गिरावट नहीं आई है, लेकिन कुछ राहत जरूर मिली है। चक्की आटे के 50 किलो के बैग की कीमत पहले 1780 रुपए थी, जो अब 1720 रुपए हो गई है। इसी तरह, मैदा की कीमतों में भी कमी दर्ज की गई है, जहां 50 किलो की बोरी पहले 1880 रुपए की थी, वह अब 1810 रुपए तक आ गई है।

दालों की कीमतों में गिरावट, तुअर, चना और उड़द के दाम कम हुए

दालों की कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे आम जनता को राहत मिली है। किराना दुकानदारों के अनुसार, प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों से दालों की सप्लाई बढ़ने से कीमतों में यह गिरावट आई है। पिपरिया और अकोला जैसे प्रमुख बाजारों से दालों के दाम कम आ रहे हैं। इस कारण उच्च क्वालिटी की तुअर दाल अब 130 रुपए प्रति किलो तक उपलब्ध है।

दालों के ताजा दाम (प्रति किलो)

तुअर: 90-130 रुपए
चना: 70-80 रुपए
मूंग: 90-115 रुपए
उड़द: 100-120 रुपए
मसूर: 90-95 रुपए

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क्यों गिर रहे हैं दाल और गेहूं के दाम?

विशेषज्ञों का मानना है कि इस गिरावट के पीछे मुख्य रूप से दो बड़े कारण हैं। पहला, नई फसल की आवक होने के कारण बाजार में आपूर्ति बढ़ गई है। दूसरा, सरकार ने स्टॉक लिमिट लागू कर दी है, जिससे व्यापारी अधिक मात्रा में स्टॉक नहीं रख पा रहे हैं। इससे बाजार में आपूर्ति संतुलित बनी हुई है और कीमतें नियंत्रण में हैं।

किराना दुकानदार नितिन लालवानी का कहना है कि इस बार दालों के दाम अकोला और पिपरिया से सीधे कम आ रहे हैं, जिससे तुअर दाल की कीमतें 130 रुपए प्रति किलो तक आ गई हैं। वहीं, कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गेहूं की आवक इसी तरह बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में आटे और मैदा की कीमतों में और भी गिरावट देखने को मिल सकती है।

गेहूं की कीमतों में गिरावट से किसानों को नुकसान?

हालांकि उपभोक्ताओं के लिए यह राहत की खबर है, लेकिन किसानों के लिए गेहूं की कीमतों में आई गिरावट चिंता का विषय बन सकती है। किसानों को अपनी उपज के उचित मूल्य की चिंता सता रही है। सरकार द्वारा गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद जल्द शुरू करने की संभावना है, जिससे किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके।

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