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Property Registry Alert! रजिस्ट्री के बाद नहीं किया ये जरूरी काम तो जा सकती है आपकी प्रॉपर्टी

अगर आपने प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन के बाद यह अहम प्रक्रिया नहीं की, तो लाखों-करोड़ों की संपत्ति से हाथ धोना पड़ सकता है! जानिए क्यों बिना म्यूटेशन (Mutation) के आप असली मालिक नहीं बन सकते और कैसे यह छोटी सी लापरवाही बड़ा कानूनी झंझट खड़ा कर सकती है

By Saloni uniyal
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Property Registry Alert! रजिस्ट्री के बाद नहीं किया ये जरूरी काम तो जा सकती है आपकी प्रॉपर्टी
Property Registry Alert! रजिस्ट्री के बाद नहीं किया ये जरूरी काम तो जा सकती है आपकी प्रॉपर्टी

रियल एस्टेट से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जो प्रॉपर्टी (Property) खरीदने वाले लोगों के लिए बेहद जरूरी है। अक्सर लोग प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन (Property Registration) के बाद यह समझते हैं कि अब उनका काम पूरा हो गया, लेकिन यह सच नहीं है। अगर आपने रजिस्ट्री के बाद एक अहम प्रक्रिया को नजरअंदाज कर दिया, तो यह आपके लिए बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। इस गलती की वजह से आपकी लाखों-करोड़ों की संपत्ति (Property Documents) किसी और के नाम पर जा सकती है।

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सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कराना है जरूरी

जब भी आप कोई संपत्ति खरीदते हैं, तो उसका मालिकाना हक सिर्फ रजिस्ट्री (Registry) कराने से नहीं मिलता। उसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करवाना अनिवार्य होता है। यह प्रक्रिया संपत्ति के मालिकाना हक को पूरी तरह ट्रांसफर करने के लिए जरूरी होती है। कई बार लोग समझते हैं कि रजिस्ट्रेशन हो गया तो वे पूरी तरह से मालिक बन गए, लेकिन असलियत यह है कि इसके बाद कुछ और जरूरी कानूनी दस्तावेज (Legal Documents) पूरे करने होते हैं।

रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन (Mutation) कराना क्यों जरूरी?

अगर आपने रजिस्ट्रेशन के बाद नामांतरण (Mutation Of Property) या दाखिल-खारिज (Dakhil Kharij) की प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो कानूनी पचड़ों में फंस सकते हैं। देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां किसी ने संपत्ति खरीद ली, लेकिन नामांतरण न होने के कारण बाद में संपत्ति से जुड़े विवाद खड़े हो गए। कई बार ऐसा भी होता है कि पहले मालिक ने प्रॉपर्टी बेचने के बावजूद उस पर लोन (Property Loan) ले लिया।

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इसलिए जरूरी है कि जब भी आप कोई प्रॉपर्टी खरीदें, तो रजिस्ट्री के तुरंत बाद दाखिल-खारिज कराएं, जिससे आपका नाम सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हो जाए और संपत्ति पर कानूनी रूप से आपका स्वामित्व स्थापित हो सके।

कब बनेंगे प्रॉपर्टी के असली मालिक?

भारतीय कानून (Indian Property Law) के तहत 100 रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति को लिखित रूप में ट्रांसफर किया जाता है और उसका पंजीकरण (Registration) सरकारी सब-रजिस्ट्रार (Sub-Registrar Office) में कराया जाता है। यह प्रक्रिया पूरे देश में मान्य है। लेकिन, सिर्फ पंजीकरण कराने से ही आप संपत्ति के पूर्ण स्वामी नहीं बन जाते।

रजिस्ट्रेशन के बाद एक और महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसे म्यूटेशन (Mutation) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के तहत पुराने मालिक का नाम सरकारी रिकॉर्ड से हटाकर नए मालिक का नाम दर्ज किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही आपको संपत्ति के कानूनी अधिकार (Legal Ownership) मिलते हैं। बिना म्यूटेशन के, आप संपत्ति के असली मालिक नहीं माने जाते।

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रिकॉर्ड अपडेट कराना क्यों है जरूरी?

रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी रिकॉर्ड अपडेट होना बेहद जरूरी है। जब रिकॉर्ड अपडेट होता है, तभी खरीदार को संपत्ति के सभी अधिकार (Property Rights) मिलते हैं। इसमें पुराने मालिक का नाम हटाकर नए मालिक का नाम दर्ज किया जाता है। इससे खरीदार को कानूनी रूप से संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व (Legal Property Ownership) मिल जाता है।

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन दस्तावेजों की जांच करें

टाइटल डीड (Title Deed) की जांच करें

संपत्ति खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि उसका टाइटल डीड (Property Title Deed) साफ और विवादमुक्त हो। वकील से इसकी प्रमाणिकता जांच करवाना एक अच्छा विकल्प है। यह आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करेगा कि संपत्ति किसी कानूनी विवाद में फंसी हुई तो नहीं है।

लोन पेपर्स (Loan Papers) की जांच करें

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जांच लें कि उस पर कोई बकाया कर्ज (Pending Loan) तो नहीं है। बैंक या वित्तीय संस्थानों से दस्तावेजों की पुष्टि करवाएं। यदि संपत्ति पर पहले से कोई लोन है, तो उसे पूरी तरह चुकाने की प्रक्रिया को समझ लें।

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संपत्ति के लेआउट पेपर्स (Layout Papers)

जमीन या फ्लैट खरीदते समय प्रॉपर्टी के लेआउट (Layout) और नक्शे (Map) की जांच करें। यह सुनिश्चित करें कि प्रॉपर्टी को कानूनी रूप से मंजूरी मिली है और उसके चारों ओर की जमीन भी कानूनी रूप से सही है।

NOC (No Objection Certificate) प्राप्त करें

संपत्ति खरीदते समय संबंधित अधिकारियों से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) जरूर लें। अगर आप फ्लैट खरीद रहे हैं, तो बिल्डर या सोसाइटी से भी NOC प्राप्त करें। यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में किसी भी कानूनी उलझन का सामना न करना पड़े।

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