नकली नोटों का कारोबार नए तकनीकी साधनों के साथ फिर से उफान पर है। नोटबंदी के बाद सरकार ने नए नोटों को सुरक्षित बनाने का दावा किया था, लेकिन अपराधियों ने अब इनकी भी नकल तैयार कर ली है। हालत यह है कि अब घर पर ही प्रिंटर की मदद से नकली नोट छापे जा रहे हैं और उन्हें बाजार में आधी कीमत पर बेचा जा रहा है।
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नागपुर में प्रिंटिंग, इंदौर में सप्लाई
इंदौर पुलिस ने हाल ही में नकली नोटों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। जांच में सामने आया कि नागपुर में स्थित एक गिरोह घर पर ही नकली नोट तैयार कर रहा था और इन्हें इंदौर सहित कई अन्य शहरों में खपा रहा था। पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें मुख्य आरोपी मनप्रीत नागपुर का रहने वाला है। वह किराए के फ्लैट में बड़े पैमाने पर नकली नोट छाप रहा था। अब तक यह गिरोह करीब 20 लाख रुपए के नकली नोट बाजार में चला चुका था।
कैसे तैयार किए जा रहे थे नकली नोट?
गिरोह के पास से 3 हाई-रिज़ॉल्यूशन लेजर प्रिंटर, A4 साइज के 85 GSM कागज (जिन पर पहले से ही 500 और 200 रुपए के नोट प्रिंट किए जा चुके थे), दो लैमिनेशन मशीनें और आरबीआई की सुरक्षा पट्टी चिपकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली पन्नी बरामद हुई है। इसके अलावा, गिरोह के पास से एक लैपटॉप भी मिला है, जिससे नोटों के डिज़ाइन बनाए जा रहे थे।
आधी कीमत पर बिक रहे नकली नोट
पुलिस पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि नकली नोट बाजार में आधे दाम पर बेचे जा रहे थे। यानी अगर कोई 20 लाख रुपए के नकली नोट लेना चाहता था, तो उसे केवल 10 लाख रुपए चुकाने पड़ते थे। यह धंधा काफी तेजी से फैल रहा था और नकली नोटों का इस्तेमाल आम बाजारों में किया जा रहा था। डीसीपी अभिनव विश्वकर्मा के अनुसार, जांच के दौरान पता चला कि आरोपी महिपाल ने नागपुर में मनप्रीत और मलकीत से ये नोट लिए थे और आगे अनुराग और मोहसिन तक पहुंचाए थे।
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पुलिस की जांच में कैसे खुला मामला?
नकली नोटों के इस गोरखधंधे का पर्दाफाश तब हुआ जब 20 जनवरी को एसीपी विजयनगर आदित्य पटले की टीम और लसूडिया पुलिस ने शुभम रजक नामक एक आरोपी को नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया। पूछताछ में शुभम ने पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया, जिससे पुलिस को इस पूरे नेटवर्क तक पहुंचने में मदद मिली।
अपराधियों की नई चालें और पुलिस की चुनौती
तकनीक के बढ़ते प्रभाव के साथ नकली नोटों का धंधा भी और उन्नत होता जा रहा है। अपराधी अब हाई-टेक प्रिंटर और स्पेशल पेपर का इस्तेमाल कर असली जैसे दिखने वाले नकली नोट तैयार कर रहे हैं, जिससे आम आदमी आसानी से इन्हें पहचान नहीं पा रहा है। यह पुलिस के लिए भी एक नई चुनौती बन गई है। हालांकि, लगातार हो रही गिरफ्तारियों से संकेत मिलता है कि पुलिस इस तरह के अपराधों पर सख्त कार्रवाई कर रही है।