ब्रेकिंग न्यूज

सरकारी राशन बना आफत, खाकर झड़ने लगे लोगों के बाल? इस राज्य से सप्लाई हुआ था गेहूं

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में सरकारी राशन से मिलने वाले गेहूं ने लोगों की सेहत बिगाड़ दी! सैकड़ों लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे, और जब जांच हुई तो चौंकाने वाला सच सामने आया – गेहूं में था खतरनाक ज़हर! क्या आपका अनाज भी सुरक्षित है? जानिए पूरी कहानी 🔥

By Saloni uniyal
Published on
सरकारी राशन बना आफत, खाकर झड़ने लगे लोगों के बाल? इस राज्य से सप्लाई हुआ था गेहूं
सरकारी राशन बना आफत, खाकर झड़ने लगे लोगों के बाल? इस राज्य से सप्लाई हुआ था गेहूं

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां सरकारी राशन से मिलने वाले गेहूं के सेवन से सैकड़ों लोगों के बाल अचानक झड़ने लगे। इस घटना ने स्वास्थ्य अधिकारियों और स्थानीय निवासियों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है।

यह भी देखें: EPIC नंबर क्या है? वोटर आईडी से इसका कनेक्शन और क्यों है यह जरूरी! WHAT IS EPIC NUMBER

बुलढाणा जिले में सरकारी गेहूं के सेवन से बाल झड़ने की यह घटना एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय है। यह दर्शाता है कि खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण में किसी भी प्रकार की लापरवाही के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। संबंधित अधिकारियों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि जनता को सुरक्षित और पौष्टिक खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराए जा सकें।

यह भी देखें: PPF और सुकन्या खाता बंद होने से बचाना है? 31 मार्च से पहले कर लें ये जरूरी काम! PPF AND SUKANYA SAMRIDDHI YOJANA

घटना का विस्तार

दिसंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच, बुलढाणा जिले के 18 गांवों में लगभग 279 लोगों ने अचानक बाल झड़ने की शिकायत की। प्रभावित व्यक्तियों में सभी आयु वर्ग के लोग शामिल थे, लेकिन विशेष रूप से युवा महिलाएं और कॉलेज छात्राएं इस समस्या से अधिक प्रभावित हुईं। बाल झड़ने के अलावा, कुछ लोगों ने सिरदर्द, बुखार, सिर में खुजली, झुनझुनी, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण भी महसूस किए।

जांच और निष्कर्ष

रायगढ़ स्थित बावस्कर हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर के मैनेजिंग डायरेक्टर, पद्मश्री सम्मानित डॉ. हिम्मतराव बावस्कर ने इस मामले की जांच की। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों से गेहूं के सैंपल एकत्रित किए और विश्लेषण किया। जांच में पाया गया कि सरकारी राशन दुकानों से वितरित गेहूं में सेलेनियम की मात्रा सामान्य से 600 गुना अधिक थी। सेलेनियम एक आवश्यक खनिज है, जो मिट्टी, पानी और कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। हालांकि, इसकी अत्यधिक मात्रा शरीर में विषाक्त प्रभाव डाल सकती है, जिससे बाल झड़ना, थकान, चिड़चिड़ापन और नाखूनों में विकृति जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

यह भी देखें: सेविंग अकाउंट के इन नियमों को किया नजरअंदाज? तो भरनी पड़ेगी भारी पेनाल्टी! CASH DEPOSIT AND WITHDRAWAL RULES

सेलेनियम की भूमिका

सेलेनियम की अधिकता से होने वाली स्थिति को ‘सेलेनोसिस’ कहा जाता है, जिसमें बालों का झड़ना प्रमुख लक्षण है। प्रभावित व्यक्तियों के रक्त, मूत्र और बालों के नमूनों में सेलेनियम की मात्रा क्रमशः 35 गुना, 60 गुना और 150 गुना अधिक पाई गई। यह स्पष्ट संकेत देता है कि अत्यधिक सेलेनियम का सेवन इस बाल झड़ने की महामारी का मुख्य कारण था।

गेहूं की आपूर्ति का स्रोत

जांच में यह भी सामने आया कि प्रभावित क्षेत्रों में वितरित गेहूं पंजाब और हरियाणा से आया था। इन राज्यों की कुछ मिट्टियों में सेलेनियम की मात्रा स्वाभाविक रूप से अधिक होती है, जो फसलों में इसके उच्च स्तर का कारण बन सकती है। इस गेहूं का सेवन करने से बुलढाणा के निवासियों में सेलेनियम की अधिकता हुई, जिससे बाल झड़ने की समस्या उत्पन्न हुई।

यह भी देखें: RSMSSB ड्राइवर भर्ती 2025: 10वीं पास युवाओं के लिए 2,756 पदों पर बंपर भर्ती, जानें आवेदन प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां

स्थानीय परिस्थितियां

बुलढाणा क्षेत्र की मिट्टी खारी और क्षारीय है, और यहां बार-बार सूखा पड़ता है, जिससे कृषि उत्पादन प्रभावित होता है। इस कारण से, कई परिवार सरकारी राशन दुकानों से मिलने वाले गेहूं पर निर्भर हैं। हालांकि, इस घटना ने सरकारी अनाज की गुणवत्ता और उसकी जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं।

समाधान और सुझाव

स्वास्थ्य अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को तुरंत उस गेहूं का सेवन बंद करने की सलाह दी, जिसमें सेलेनियम की अधिकता पाई गई थी। इसके बाद, कुछ हफ्तों में लोगों ने बालों के पुनः उगने की सूचना दी। यह सुझाव देता है कि सेलेनियम का सेवन रोकने से स्थिति में सुधार संभव है।

यह भी देखें: Bihar Land Registry: बिहार में जमीन की रजिस्ट्री के बदल गए नियम, अब बिना झंझट होगी खरीद-बिक्री

भविष्य की दिशा

यह घटना सरकारी खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता नियंत्रण की आवश्यकता को उजागर करती है। सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वितरित किए जाने वाले अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों में हानिकारक तत्वों की मात्रा सुरक्षित सीमाओं के भीतर हो। इसके लिए नियमित जांच और निगरानी आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

Leave a Comment