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बैंक की गलती से ₹24,492 की जगह अकाउंट में पहुंचे ₹7,08,51,14,55,00,00,000 – जानें फिर क्या हुआ

अप्रैल 2024 में, सिटीग्रुप बैंक ने एक ग्राहक के खाते में गलती से 81 ट्रिलियन डॉलर जमा कर दिए, जबकि असल में उसे मात्र 280 डॉलर भेजने थे। यह त्रुटि बैंक के ऑपरेशनल इश्यू के कारण हुई, जिसे समय रहते सुधार लिया गया। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और बैंक की प्रतिक्रिया।

By Saloni uniyal
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बैंक की गलती से ₹24,492 की जगह अकाउंट में पहुंचे ₹7,08,51,14,55,00,00,000 – जानें फिर क्या हुआ
बैंक की गलती से ₹24,492 की जगह अकाउंट में पहुंचे ₹7,08,51,14,55,00,00,000 – जानें फिर क्या हुआ

बैंकिंग जगत में गलतियाँ होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब ये गलतियाँ अरबों-खरबों में पहुँच जाएँ, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। ऐसा ही एक मामला Citigroup के साथ सामने आया, जहाँ बैंक ने गलती से एक ग्राहक के खाते में 7,08,51,14,55,00,00,000 रुपये (81 ट्रिलियन डॉलर) जमा कर दिए, जबकि असल में उसे मात्र 24,492 रुपये (280 डॉलर) भेजने थे।

कैसे हुई यह बड़ी गलती?

यह घटना अप्रैल 2024 की है। Citigroup के एक कर्मचारी ने पेमेंट प्रोसेसिंग के दौरान एक प्रोग्राम में मैन्युअल रूप से राशि दर्ज की, जो पहले से ही 15 शून्य (0) के साथ प्री-पॉप्युलेटेड था। कर्मचारी ने इन शून्यों को हटाए बिना राशि दर्ज कर दी, जिससे यह भारी भरकम राशि ग्राहक के खाते में जमा हो गई।

त्रुटि का पता और सुधार

यह गलती पहले दो कर्मचारियों की नजर से बच गई, लेकिन करीब 90 मिनट बाद एक तीसरे कर्मचारी ने इसे पकड़ा। इसके बाद, बैंक ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस लेनदेन को रिवर्स किया। सौभाग्य से, इस दौरान कोई भी राशि बैंक से बाहर नहीं गई, जिससे बैंक और ग्राहक दोनों को कोई नुकसान नहीं हुआ।

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी गलतियाँ

यह पहली बार नहीं है जब Citigroup से ऐसी गलती हुई हो। 2020 में, बैंक ने गलती से Revlon Inc. के लेनदारों को 900 मिलियन डॉलर भेज दिए थे, जिसे वापस पाने में बैंक को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा, 2022 में एक ट्रेडिंग त्रुटि के कारण यूरोपीय बाजार में भारी गिरावट आई थी, जिसके लिए बैंक को भारी जुर्माना भरना पड़ा था।

नियामक कार्रवाई और सुधार के प्रयास

इन घटनाओं के बाद, अमेरिकी फेडरल रिजर्व और मुद्रा नियंत्रक कार्यालय (OCC) ने Citigroup पर 2020 में 400 मिलियन डॉलर और 2024 में 136 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया था, क्योंकि बैंक अपने जोखिम प्रबंधन और डेटा गवर्नेंस में सुधार करने में विफल रहा था। citeturn0news1

बैंक की सीईओ जेन फ्रेजर, जिन्होंने मार्च 2021 में पदभार संभाला, बैंक की तकनीक और अनुपालन ढांचे में सुधार के लिए एक व्यापक परियोजना ‘ट्रांसफॉर्मेशन’ के तहत काम कर रही हैं, जिसमें 12,000 कर्मचारी शामिल हैं।

आगे की राह

इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि बैंकिंग क्षेत्र में मैन्युअल प्रक्रियाओं को समाप्त कर स्वचालन (ऑटोमेशन) पर जोर देना आवश्यक है। Citigroup ने भी अपने मैन्युअल प्रक्रियाओं को समाप्त कर स्वचालित नियंत्रणों को लागू करने की प्रतिबद्धता जताई है।

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