
सरकार अब यूपीआई (UPI) से भुगतान लेने वाले उन व्यवसायियों पर कार्रवाई की तैयारी में है, जो बिना जीएसटी (GST) लाइसेंस के कारोबार कर रहे हैं। जीएसटी विभाग ने यूपीआई के माध्यम से लेन-देन करने वाले व्यापारियों की सूची मांगी है। इससे यह पता चलेगा कि कौन-सा व्यापारी कितनी राशि का भुगतान ले रहा है और उसका वार्षिक टर्नओवर क्या है। यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे उन व्यापारियों की पहचान की जाएगी, जो बिना लाइसेंस के तय सीमा से अधिक का व्यापार कर रहे हैं।
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जीएसटी विभाग ने यूपीआई डेटा की मांग की
जीएसटी विभाग ने यूपीआई पेमेंट लेने वाले व्यापारियों के डेटा को दो श्रेणियों में बांटा है।
- पहली श्रेणी में वे व्यवसायी शामिल हैं, जो सेवा क्षेत्र (Service Sector) में कार्यरत हैं और सालाना 20 लाख रुपये से अधिक का लेन-देन कर रहे हैं।
- दूसरी श्रेणी में वे व्यापारी आते हैं, जो उत्पाद या माल की आपूर्ति (Goods Supply) बिना जीएसटी लाइसेंस के कर रहे हैं और उनका वार्षिक टर्नओवर 40 लाख रुपये से अधिक है।
इन कैटेगरी में आने वाले व्यापारियों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस भेजने की तैयारी की जा रही है।
टैक्स चोरी रोकने की दिशा में बड़ा कदम
विभाग इसे बड़ी टैक्स चोरी के रूप में देख रहा है और अब उन व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा, जो तय सीमा से अधिक का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी का पंजीकरण (GST Registration) नहीं कराया है। नोटिस जारी होने के बाद न केवल 18% तक की पेनाल्टी वसूली जाएगी, बल्कि उन पर ब्याज भी लगाया जाएगा।
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किन-किन व्यापारियों पर होगी कार्रवाई?
जिले में कई तरह के व्यवसाय जैसे गेस्ट हाउस, ट्रेवल एजेंसी, ब्यूटी पार्लर, मिठाई दुकान, किराना स्टोर, रियल एस्टेट, विवाह भवन, रेस्टोरेंट आदि बिना जीएसटी लाइसेंस के चल रहे हैं। अब विभाग इनका पूरा डेटा इकट्ठा कर कार्रवाई करेगा।
यूपी में हजारों व्यापारियों को भेजे गए नोटिस
पिछले महीने, जीएसटी विभाग ने यूपीआई डेटा के आधार पर उत्तर प्रदेश के हजारों व्यापारियों को नोटिस जारी किए थे। इन व्यापारियों ने कैश में काम करने के बजाय विभिन्न बैंक खातों में यूपीआई के माध्यम से भुगतान लिया था। एक ही बैंक खाते में नियमित कैश फ्लो न होने से इनका टर्नओवर स्पष्ट नहीं हो पाता था, लेकिन अब नए सिस्टम के तहत विभाग को सही आंकड़े मिल रहे हैं।
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यूपीआई भुगतान लेने वालों का टर्नओवर जांचेगा विभाग
अब जीएसटी विभाग यूपीआई भुगतान लेने वाले व्यापारियों का डेटा बैंक खातों से लिंक करके जांच रहा है। मौजूदा नियमों के अनुसार:
- सेवा क्षेत्र में 20 लाख रुपये से अधिक का वार्षिक टर्नओवर होने पर जीएसटी लाइसेंस अनिवार्य है।
- माल या उत्पाद की आपूर्ति में 40 लाख रुपये से अधिक का टर्नओवर होने पर पंजीकरण जरूरी है।
ऐसे व्यवसायियों की पहचान कर विभाग नोटिस जारी करेगा और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जीएसटी विभाग की पूरे देश में नजर
यह केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में जीएसटी विभाग यूपीआई भुगतान लेने वाले व्यवसायियों का डेटा इकट्ठा कर रहा है। ऐसे व्यापारी जो जीएसटी नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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टैक्स विशेषज्ञों की राय
टैक्सेशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप कुमार वर्मा के अनुसार, जीएसटी नियमों के तहत 40 लाख रुपये से अधिक के कारोबार पर लाइसेंस अनिवार्य है। सेवा क्षेत्र के लिए यह सीमा 20 लाख रुपये है। नियमों का उल्लंघन करने वालों को नोटिस जारी कर टैक्स और पेनाल्टी वसूली जाएगी।