
पटना: अगर आपकी जमीन का दाखिल-खारिज (Mutation) मामला लंबे समय से अटका हुआ है और अधिकारी आपको बार-बार दफ्तर के चक्कर लगवा रहे हैं, तो अब आपकी यह परेशानी जल्द खत्म हो सकती है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं (DCLR) को निर्देश जारी किया है कि दाखिल-खारिज मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए। विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना ठोस कारण के मामलों को लंबित रखना उचित नहीं है, इससे रैयतों को परेशानी होती है और विभाग की छवि भी प्रभावित होती है।
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राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा उठाया गया यह कदम जमीन मालिकों के लिए राहत लेकर आएगा। सरकार की इस पहल से दाखिल-खारिज से जुड़े लंबित मामलों का जल्द निपटारा होगा, जिससे आम नागरिकों को अनावश्यक परेशानी नहीं होगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अधिकारी इस आदेश को कितनी गंभीरता से लागू करते हैं और किस हद तक आम जनता को इसका लाभ मिलता है।
मामूली गलतियों पर आवेदन को न करें लंबित
अक्सर दाखिल-खारिज के मामलों में छोटी-छोटी गलतियों की वजह से आवेदन को खारिज कर दिया जाता है। इसमें प्रमुख रूप से दस्तावेजों की कमी, संलग्न कागजातों के स्पष्ट न होने या आवेदन में टाइपिंग मिस्टेक जैसे कारण होते हैं। वर्तमान व्यवस्था के तहत, आवेदक को 30 दिनों के भीतर डीसीएलआर (DCLR) के पास अपील करने का अधिकार होता है, लेकिन कई मामलों में अपील के बावजूद आवेदन लंबित रहता है। इससे जमीन मालिकों को लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, जिससे उनका समय और संसाधन दोनों बर्बाद होते हैं।
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31 मार्च तक लंबित मामलों के निपटारे के आदेश
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी जिला समाहर्ताओं को निर्देश दिया है कि दाखिल-खारिज से जुड़े छोटे-मोटे कारणों से लंबित मामलों का 31 मार्च तक निपटारा किया जाए। इसके अलावा, अन्य जटिल मामलों में डीसीएलआर को यह निर्देश दिया गया है कि पहली ही सुनवाई में अंचलाधिकारी को फाइल दोबारा समीक्षा के लिए भेजें और जल्द से जल्द अपील का निपटारा करें।
दाखिल-खारिज मामलों में देरी पर सरकार की सख्ती
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने भी पदभार ग्रहण करने के बाद दाखिल-खारिज मामलों में हो रही देरी और अनावश्यक रिजेक्शन को लेकर चिंता जताई थी। अधिकारियों की लेट-लतीफी को गंभीरता से लेते हुए, अब दाखिल-खारिज प्रक्रिया को पारदर्शी और तेज बनाने के लिए नए निर्देश जारी किए गए हैं।
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जमीन मालिकों को मिलेगी राहत
नए निर्देशों के लागू होने के बाद जमीन मालिकों को दाखिल-खारिज प्रक्रिया में तेजी देखने को मिलेगी। पहले जहां मामूली त्रुटियों की वजह से आवेदन सालों तक अटके रहते थे, अब उन्हें तय समय-सीमा में निपटाने का आदेश दिया गया है। इस कदम से पारदर्शिता बढ़ेगी और आवेदकों को अनावश्यक सरकारी चक्करों से राहत मिलेगी।