
देश के किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं पर काम कर रही हैं। इन्हीं में से एक है मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना, जो किसानों को सस्ती दरों पर सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध कराने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। बिहार सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना किसानों के लिए एक क्रांतिकारी पहल साबित हो रही है। इस योजना के तहत किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है, जिससे उनकी सिंचाई लागत में 98% तक की कमी आई है।
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सिंचाई लागत में 98% की कमी: किसानों को मिल रहा बड़ा फायदा
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत किसानों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देकर सिंचाई की सुविधा प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत बिजली से चलने वाले मोटर पंप का उपयोग करने पर किसानों की सिंचाई लागत मात्र 2 रुपये प्रति घंटे रह गई है। पहले जहां डीजल पंपसेट से सिंचाई करने में प्रति घंटे लगभग 100 रुपये की लागत आती थी, वहीं अब बिजली के माध्यम से यह खर्च बेहद कम हो गया है। यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, क्योंकि इससे न केवल सिंचाई की लागत में कमी आई है बल्कि उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।
प्रति यूनिट बिजली पर 6.19 रुपये की सब्सिडी: किसानों को राहत
बिहार सरकार इस योजना के लाभुकों को प्रति यूनिट 6.19 रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसका मतलब है कि किसानों को केवल 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली का भुगतान करना होगा। सरकार द्वारा दिए गए अनुदान के कारण विद्युत विभाग को प्रति यूनिट मात्र 55 पैसे का भुगतान करना पड़ता है, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिल रही है।
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किसानों का कहना है कि 2 हॉर्स पावर के मोटर पंप को चलाने में प्रति घंटे 3-4 यूनिट बिजली की खपत होती है, जो कि अन्य विकल्पों की तुलना में काफी किफायती है। इससे किसानों की सिंचाई लागत में उल्लेखनीय कमी आई है और उन्हें अपनी फसलों से अधिक मुनाफा हो रहा है।
आसान आवेदन प्रक्रिया: सुविधा ऐप के माध्यम से आवेदन
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना में आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान और नि:शुल्क है। इच्छुक किसान सुविधा ऐप के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए उन्हें निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होगी:
- पासपोर्ट साइज फोटो
- एड्रेस प्रूफ
- वर्तमान लगान रसीद
आवेदन करने के बाद सात कार्य दिवस के भीतर किसानों को बिजली कनेक्शन की स्वीकृति दी जाती है। इसके बाद उनके बोरिंग तक बिजली के तार और पोल पहुंचाए जाते हैं।
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लाखों किसानों को मिला लाभ, लक्ष्य और विस्तार
अब तक 5.42 लाख किसानों को इस योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। बिहार सरकार का लक्ष्य है कि 2024-26 के दौरान 4.80 लाख और पंपसेटों को बिजली कनेक्शन प्रदान किया जाएगा। राज्य में कुल 7.20 लाख डीजल पंपसेट हैं, जिनमें से आधे से अधिक को बिजली कनेक्शन मिल चुका है।
इसके अलावा, 93,420 ट्रांसफॉर्मर लगाने का कार्य जारी है, जिससे राज्य के सभी किसानों को समय पर बिजली उपलब्ध कराई जा सके। सरकार की प्रतिबद्धता है कि हर खेत तक पानी पहुंचे, और इसके लिए बड़े पैमाने पर डेडिकेटेड कृषि फीडरों का निर्माण किया जा रहा है।
28 फरवरी 2025 तक करें आवेदन
जो किसान अभी तक इस योजना का लाभ नहीं उठा सके हैं, वे 28 फरवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। बिहार के 8.40 लाख किसानों को इस योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, इच्छुक किसान स्थानीय बिजली कार्यालय से भी ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना का महत्व
मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना ने बिहार के किसानों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। इससे न केवल सिंचाई की लागत में कमी आई है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हुई है। यह योजना देश में कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।