
राधा स्वामी डेरा ब्यास की संगत के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। मार्च महीने से सत्संग का समय बदल दिया गया है। अब 1 मार्च से डेरा ब्यास में सत्संग सुबह 9:30 बजे से शुरू होगा। जानकारी के अनुसार, पहली घंटी सुबह 9:15 बजे और दूसरी घंटी 9:30 बजे बजेगी। पहले यह समय 10:00 बजे था, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है।
यह बदलाव डेरा ब्यास की संगत के लिए एक अहम पहल माना जा रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को अधिक सुगमता से सत्संग में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
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VIP कल्चर को किया गया समाप्त, आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा
डेरा ब्यास में केवल सत्संग समय में बदलाव ही नहीं, बल्कि VIP कल्चर को भी समाप्त किया जा चुका है। डेरा के इस कदम का मुख्य उद्देश्य संगत में समानता और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देना है। डेरा ब्यास ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी श्रद्धालुओं को एक समान सम्मान और महत्व दिया जाए, चाहे वे किसी भी सामाजिक, आर्थिक या भौगोलिक पृष्ठभूमि से आते हों।
VIP कल्चर को समाप्त करने के बाद डेरा ब्यास ने यह संदेश दिया है कि आध्यात्मिकता में भेदभाव की कोई जगह नहीं होती और सभी को समान दृष्टि से देखा जाना चाहिए।
प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों में अग्रणी
डेरा ब्यास हमेशा से ही समाज सेवा और मानवता की सेवा में अग्रणी रहा है। प्राकृतिक आपदाओं के समय डेरा ब्यास के सेवादार सबसे पहले मदद के लिए आगे आते हैं। चाहे वह बाढ़ हो, भूकंप हो या कोई अन्य प्राकृतिक आपदा, डेरा ब्यास हमेशा पीड़ित लोगों की सहायता में सक्रिय रूप से भाग लेता है।
यहां तक कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी डेरा ब्यास ने कई राहत कार्य किए और जरूरतमंद लोगों को भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।
6 हजार टीबी मरीजों को प्रोटीन युक्त भोजन
डेरा ब्यास न केवल प्राकृतिक आपदाओं में बल्कि स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। जिला अमृतसर के बीच लगभग 6 हजार टीबी (Tuberculosis) मरीजों को प्रोटीन युक्त भोजन प्रदान किया जा रहा है। डेरा ब्यास के सेवादार शुद्ध भोजन तैयार करते हैं और उसे पैक लंच के रूप में तैयार करके बिना किसी भेदभाव के मरीजों के घर तक पहुंचाते हैं।
यह सेवा न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहायता कर रही है, बल्कि समाज में समानता और एकता का संदेश भी दे रही है। डेरा ब्यास के सेवादारों का यह कार्य सराहनीय है और इससे समाज में सेवा और समर्पण की भावना को बल मिलता है।
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सामाजिक समानता और सेवा का प्रतीक
डेरा ब्यास ने हमेशा ही सामाजिक समानता और सेवा को प्राथमिकता दी है। चाहे वह सत्संग में समय का बदलाव हो, VIP कल्चर को समाप्त करना हो या जरूरतमंदों की सेवा, डेरा ब्यास ने समाज में समानता और सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यह डेरा केवल आध्यात्मिक ज्ञान ही नहीं देता, बल्कि समाज सेवा और मानवता की सेवा में भी अग्रणी है। डेरा ब्यास की यह पहलें दर्शाती हैं कि आध्यात्मिकता केवल प्रवचनों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे जीवन में अपनाकर समाज में बदलाव लाया जा सकता है।