
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) एक विशेष प्रकार की नंबर प्लेट है, जिसे वाहनों की सुरक्षा और पहचान को सशक्त बनाने के उद्देश्य से अनिवार्य किया गया है। इसमें होलोग्राम, लेजर-एनग्रेव्ड कोड और एक विशेष चिप होती है, जो वाहन की पहचान को सुरक्षित और ट्रैक करने में सहायक है। सरकार का दावा है कि HSRP के माध्यम से वाहन चोरी में कमी आएगी और ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, इस नए नियम के लागू होने से पुणे सहित कई शहरों में पारंपरिक नंबर प्लेट बनाने वाले हजारों छोटे व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। पहले जहां ये दुकानदार स्थानीय स्तर पर नंबर प्लेट तैयार करते थे, अब यह काम बड़ी कंपनियों के हाथों में दे दिया गया है। नतीजतन, लगभग 15,000 से 20,000 लोग बेरोजगार हो गए हैं, जिससे उनके परिवारों पर आर्थिक संकट गहरा गया है।
छोटे दुकानदारों पर असर: रोजगार पर संकट
HSRP के लागू होने से सबसे बड़ा असर उन छोटे दुकानदारों पर पड़ा है, जो वर्षों से पारंपरिक नंबर प्लेट बनाने का काम कर रहे थे। इन व्यापारियों को सरकार के नए नियमों के तहत अब नंबर प्लेट बनाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह काम केवल बड़ी कंपनियों को सौंपा गया है।
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इससे हजारों छोटे व्यवसायी अपनी आजीविका खो बैठे हैं। पुणे के स्थानीय व्यापारी संघ का कहना है कि पहले वे स्थानीय स्तर पर नंबर प्लेट बनाकर रोजाना 500-1000 रुपये कमा लेते थे, लेकिन अब उनकी आमदनी शून्य हो गई है। इन दुकानदारों के पास नए नियमों के तहत फिटमेंट सेंटर खोलने का विकल्प है, लेकिन इसके लिए सरकार ने कई कड़े मानदंड तय किए हैं, जो छोटे व्यवसायियों के लिए पूरा करना मुश्किल साबित हो रहा है।
सरकार ने स्थानीय दुकानदारों को क्यों नहीं दिए ठेके?
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार सरकार ने स्थानीय दुकानदारों को HSRP बनाने का ठेका क्यों नहीं दिया? केवल बड़ी कंपनियों को इस काम का ठेका सौंपने से छोटे व्यवसायियों को दरकिनार कर दिया गया है।
छोटे दुकानदारों का कहना है कि यदि उन्हें भी इस काम में शामिल किया जाता, तो वे अपनी रोजी-रोटी बचा सकते थे। लेकिन सरकार के कठोर नियमों और बड़े कॉरपोरेट्स के प्रभाव के चलते उन्हें यह मौका नहीं मिला। कई दुकानदारों का मानना है कि सरकार ने बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कदम उठाया है, जिससे उनकी रोजीरोटी पर संकट खड़ा हो गया है।
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HSRP फिटमेंट सेंटर खोलने का सुझाव, लेकिन शर्तें कठोर
सरकार ने छोटे दुकानदारों को राहत देने के लिए HSRP फिटमेंट सेंटर खोलने का सुझाव दिया है। लेकिन इसके लिए कई शर्तें रखी गई हैं, जैसे कि लाइसेंस प्राप्त करना, तकनीकी मानदंडों का पालन करना, और विशेष उपकरणों का उपयोग करना।
फिलहाल, पुणे में 69 फिटमेंट सेंटर हैं और सरकार जल्द ही नए सेंटर खोलने की योजना बना रही है। हालांकि, छोटे दुकानदारों का कहना है कि इन मानदंडों को पूरा करना उनके लिए संभव नहीं है, क्योंकि इसके लिए बड़ी पूंजी और संसाधनों की आवश्यकता है।
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नकली HSRP प्लेट्स का काला बाजार
नए नियमों के लागू होने के बाद नकली HSRP प्लेट्स का काला बाजार भी तेजी से बढ़ रहा है। कई जगहों पर बिना किसी दस्तावेज के नकली HSRP प्लेट्स बेची जा रही हैं। इसका कारण यह है कि अधिकृत सेंटरों पर प्लेट्स लगाने में देरी और अधिक कीमतें वसूली जा रही हैं, जिससे लोग अनाधिकृत विक्रेताओं की ओर रुख कर रहे हैं।
नकली प्लेट्स के चलते सुरक्षा में भी खतरा बढ़ गया है, क्योंकि इन प्लेट्स में वह चिप और होलोग्राम नहीं होता, जो असली HSRP में होता है। इससे वाहन की सही पहचान और ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है, जो सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक है।
जनता में आक्रोश, विरोध प्रदर्शन शुरू
HSRP के लागू होने से पुणे सहित कई शहरों में वाहन मालिकों में आक्रोश बढ़ गया है। लोगों का कहना है कि यह नियम उनके लिए अतिरिक्त वित्तीय बोझ बन गया है। इसके अलावा, प्लेट्स की उपलब्धता में देरी और अधिक शुल्क वसूली के कारण भी जनता में नाराजगी है।
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कई जगहों पर इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जहां लोगों ने सरकार से स्थानीय दुकानदारों को भी HSRP बनाने का अधिकार देने की मांग की है। वहीं, विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से भुनाते हुए सरकार पर छोटे व्यवसायियों के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया है।
नहीं बदली HSRP तो लगेगा भारी जुर्माना
सरकार ने चेतावनी दी है कि जिन वाहनों में अभी तक HSRP नहीं लगी है, उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। नए नियम के अनुसार, समय पर HSRP न लगवाने पर जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार उल्लंघन करने पर वाहन जब्त भी किया जा सकता है।
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सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि HSRP केवल अधिकृत फिटमेंट सेंटरों से ही लगवाना अनिवार्य है, अन्यथा उसे अवैध माना जाएगा। इससे नकली HSRP प्लेट्स बेचने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।