
कोलकाता नगर निगम (KMC) के स्कूलों में विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी रद्द कर दी गई है और ईद-उल-फितर की छुट्टियों को दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया है, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में बवाल मच गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इसे लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधा है और आरोप लगाया है कि यह राज्य में तुष्टीकरण की राजनीति का हिस्सा है।
इस विवाद के बाद कोलकाता नगर निगम ने सफाई देते हुए कहा कि हिंदी माध्यम के केएमसीपी स्कूलों के लिए छुट्टियों की सूची बिना सक्षम प्राधिकारी की उचित सहमति के जारी की गई थी। इसके बाद केएमसी ने तुरंत सुधार करते हुए अधिसूचना को रद्द कर दिया और टाइपोग्राफिकल गलती और प्रक्रियात्मक खामियों का हवाला दिया। निगम ने यह भी कहा है कि इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
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छुट्टियों की नई लिस्ट जल्द जारी करेगी KMC
कोलकाता नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार के आधिकारिक अवकाश कार्यक्रम और मौजूदा मानदंडों के अनुसार संशोधित और सटीक अवकाश सूची जारी की जाएगी। निगम ने यह भी कहा है कि इस बार अवकाश सूची में हुई गलती को गंभीरता से लिया गया है और आगे से ऐसी चूक न हो, इसके लिए सावधानी बरती जाएगी।
हालांकि, इस घटनाक्रम ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। बीजेपी के नेता इस मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस (TMC) सरकार पर हमलावर हैं। उनका आरोप है कि यह निर्णय तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा है और हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला है।
BJP का आरोप: ‘बांग्लादेश बनाया जा रहा है पश्चिम बंगाल’
बीजेपी महासचिव जगन्नाथ चटर्जी ने इस मुद्दे पर कहा कि पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा, “कोलकाता नगर निगम के स्कूलों में विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी रद्द करके ईद-उल-फितर की छुट्टियों को दो दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। यह फैसला धार्मिक भेदभाव को दर्शाता है और हिंदू समुदाय की आस्था को ठेस पहुंचाने वाला है।”
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बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मामले को लेकर ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में इस्लामिक शासन चल रहा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी और कोलकाता नगर निगम के प्रमुख फिरहाद हकीम ने हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द करके ईद की छुट्टी दो दिन कर दी है।”
राजनीतिक घमासान के बीच KMC की सफाई
राजनीतिक विवाद बढ़ने के बाद कोलकाता नगर निगम ने सफाई दी है कि हिंदी माध्यम के स्कूलों के लिए जारी अवकाश सूची बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के जारी की गई थी। निगम ने तुरंत सुधार करते हुए अधिसूचना को रद्द कर दिया और कहा कि टाइपोग्राफिकल गलती और प्रक्रियात्मक खामियों के कारण यह गलती हुई है।
केएमसी की ओर से यह भी कहा गया है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है और इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, निगम ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार के आधिकारिक अवकाश कार्यक्रम और मौजूदा मानदंडों के अनुसार नई और सटीक अवकाश सूची जल्द ही जारी की जाएगी।
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ममता सरकार पर विपक्ष का हमला
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने ममता सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बीजेपी के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी इसे तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया है।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा, “ममता बनर्जी ने ओबीसी कोटा में कटौती करके मुस्लिम समुदाय को शामिल किया और अब कोलकाता नगर निगम के स्कूलों में हिंदुओं की आस्था से जुड़ी विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द कर दिया गया है।”
जगन्नाथ चटर्जी ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “कोलकाता शहर में विश्वकर्मा पूजा की छुट्टी को रद्द करके ईद-उल-फितर की छुट्टी दो दिन की कर दी गई है, जो स्पष्ट रूप से एकपक्षीय निर्णय है और हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला है।”
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फिरहाद हकीम ने दी प्रतिक्रिया
विवाद के बीच कोलकाता नगर निगम के प्रमुख फिरहाद हकीम ने सफाई दी है कि यह निर्णय धार्मिक भेदभाव के आधार पर नहीं लिया गया था, बल्कि यह टाइपोग्राफिकल गलती और प्रक्रियात्मक खामी के कारण हुआ है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोलकाता नगर निगम सभी धर्मों और समुदायों का सम्मान करता है और छुट्टियों के मामले में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता।