
भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाकर सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने वाले पूर्व सैनिकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। सेना मुख्यालय से सभी कमांड हेडक्वॉर्टर्स को निर्देश दिए गए हैं कि जो भी पूर्व सैनिक सोशल मीडिया पर सेना की इमेज को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जयपुर में एक पूर्व सैनिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और अन्य शहरों में भी कुछ पूर्व सैनिक सेना के रडार पर हैं।
भारतीय सेना की इस सख्त कार्रवाई का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सेना की गरिमा और सम्मान बरकरार रहे। सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी फैलाने और प्रोपेगेंडा फैलाने वालों के खिलाफ यह कदम अनुशासन और आचार संहिता के पालन को सुनिश्चित करने का हिस्सा है। यह भी स्पष्ट संदेश है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता और अपमानजनक बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और एफआईआर का आदेश
सेना मुख्यालय ने सभी कमांड्स को निर्देश दिया है कि वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को लगातार मॉनिटर करें और उन पूर्व सैनिकों की पहचान करें जो सेना की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनकी विस्तृत जानकारी जुटाई जाए, पहचान स्थापित की जाए और भारतीय न्याय संहिता के तहत उचित धाराओं में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे मामलों में कानून का सख्ती से पालन हो।
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जयपुर में पूर्व सैनिक के खिलाफ एफआईआर
सूत्रों के अनुसार, जयपुर में जिस पूर्व सैनिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, वे एक यूट्यूब चैनल के माध्यम से सेना पर और उसकी कार्यशैली पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं। उनके वीडियो में इस्तेमाल की गई भाषा और आरोपों को सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला माना गया है। इसके अलावा, अन्य कुछ पूर्व सैनिक भी निगरानी में हैं, जिनमें से कुछ को अनुशासनहीनता के कारण सेना से बर्खास्त किया गया था।
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अनुशासनहीनता और पेंशन पर असर
भारतीय सेना ने पहले ही एक अडवाइजरी जारी की थी जिसमें सेना के पेंशन रेगुलेशन एक्ट-2008 का हवाला दिया गया था। इसमें कहा गया था कि अगर कोई पूर्व सैनिक अनुचित आचरण का दोषी पाया जाता है, तो उसकी पेंशन को पूरी तरह से या आंशिक रूप से रोका जा सकता है। सेना का मानना है कि पेंशन का हकदार होने के लिए भविष्य में भी अच्छे आचरण की शर्त होती है।
प्रोपेगेंडा और राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
सेना की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया पर कुछ पूर्व सैनिक भारतीय सेना के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैला रहे हैं। वे सर्विस लाइफ और सर्विस कंडीशन के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, उनकी भाषा हेट स्पीच के दायरे में आती है, जो सेना की छवि को धूमिल करने का प्रयास करती है। सेना को इस बात की चिंता है कि दुश्मन देश इस प्रोपेगेंडा का इस्तेमाल भारतीय सेना की छवि खराब करने के लिए कर सकते हैं।
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सेना का ऐक्शन प्लान
सेना मुख्यालय ने साफ किया है कि यह एफआईआर केवल कागजी कार्यवाही नहीं होगी, बल्कि इसे गंभीरता से लिया जाएगा। सभी एफआईआर को फॉलो किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषी पूर्व सैनिकों पर कानूनी शिकंजा कसा जाए। यह कदम सेना की छवि को सुरक्षित रखने और अनुशासनहीनता को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।